Wed, Dec 31, 2025

MP Tourism : दिलचस्प है एमपी के सलकनपुर मंदिर का इतिहास, जानें दर्शन करने का सही समय

Written by:Ayushi Jain
Published:
MP Tourism : दिलचस्प है एमपी के सलकनपुर मंदिर का इतिहास, जानें दर्शन करने का सही समय

MP Tourism : मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। यहां पर कई सारे धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद है जहां दूर-दूर से घूमने के लिए पर्यटक आते हैं। इन्हीं में से एक है मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित सलकनपुर मंदिर, जहां की मान्यता काफी ज्यादा है। यहां देशभर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।

यह मंदिर प्राकृतिक की गोद में बसा हुआ है। ये सीहोर जिले के बिजासन माता को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर साल नवरात्रि के दौरान हजारों भक्तों का तांता देखने को मिलता है। इस मंदिर में बिजासन माता की एक आकर्षक मूर्ति है। इसके अलावा इस मंदिर में देवी लक्ष्मी, मां सरस्वती और भैरव देव का भी मंदिर है।

MP Tourism

जानकारी के मुताबिक यह मंदिर हजार फीट ऊंची एक पहाड़ी पर बसा हुआ है। यहां का नजारा पर्यटकों को काफी ज्यादा लुभाता है। मंदिर तक जाने के लिए भक्तों को पहले सिर्फ सीढ़ियां ही मिलती थी। लेकिन आप यहां पर वाहन मार्ग और रोपवे भी बना दिया गया है, जिसकी मदद से भक्त माता के दर्शन के लिए 1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर जा सकते हैं। आज हम आपको इस मंदिर का इतिहास बताने जा रहे हैं जो काफी दिलचस्प है। साथ ही यहां का धार्मिक महत्व क्या है वह भी जानते हैं –

MP Tourism : सलकनपुर मंदिर का इतिहास –

MP Tourism

इस मंदिर का इतिहास बहुत ही दिलचस्प हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर 300 साल पुराना है। यहां का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। ये बंजारे पशुओं का व्यापर करते थे। एक दिन वो सभी यहां रुके थे। तभी उनके पशू एकदम से गायब हो गए। जब वह उन्हें ढूंढ़ने निकले तो रस्ते में एक छोटी सी लड़की मिली।

बंजारों ने लड़की से कहा की हमारे पशू घूम गए है तो उसने कहा कि यहां माता के स्थान पर मनोकामना मांग सकते हैं। ऐसे में बंजारों ने जवाब देते हुए कहा कि हम नहीं जानते कि यहां पर माता का स्थान कहां पर है। तभी लड़की ने एक पत्थर फेंका और बंजारों को संकेत दिया।

उसके बाद माता के दर्शन उन सभी को हुए। यहां माता की पूजा भी बंजारों ने की। उसके बाद उन्हें अपने गुमे हुए पशू मिल गए। मनोकामना पूरी होने के बाद बंजारों ने यहां पर मंदिर बनवाया था। तब से इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है। यहां मांगी गई हर मन्नत पूरी होती हैं।

सलकनपुर मंदिर का धार्मिक महत्व –

MP Tourism

यह मंदिर 1000 फीट की खड़ी पहाड़ी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि बिजासन माता के इस मंदिर में जो भी भक्त मनोकामना मानता है वो कभी खाली नहीं जाती। यहां पहाड़ी के ऊपर बिजासन माता अपने दिव्य रूप में विराजमान है।

सलकनपुर मंदिर में माता के दर्शन करने का समय –

मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है। ऐसे में आप कभी भी आ कर यहां दर्शन कर सकते हैं। ये मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता हैं। आप यहां सीढ़ियां, रोपवे और वाहन से आ सकते हैं।