Holi Special Sweet: इस मिठाई के बिना अधूरी है सिंधी समाज की होली, जानिए क्यों है इतनी खास

Sanjucta Pandit
Published on -

Holi Special Sweet : देशभर में होली को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी लोग अपने- अपने घरों में तरह- तरह के पकवान बनाने में जुटे हुए हैं। बाजारें पिचकारी, रंग, गुलाल और अबीरों से सजकर तैयार है। लोग लगातार खरीददारी करने में लगे हुए हैं। बता दें हमारे देश में हर त्यौहार का अपना एक अलग ही महत्व होता है। हर जगह पर अलग- अलग प्रकार से होली खेली जाती है। इसी कड़ी में सिंधी समाज के लोग भी होली को एक अनोखे अंदाज में मनाते हैं। होली का पर्व नजदीक आते ही संतनगर में गेहर (बड़ी जलेबी) मिठाई की दुकानों पर नजर आने लगती है। मिठाई की दुकानों पर गेहर बनाने का काम शुरू हो गया है। आइए विस्तार से जानें…

Holi Special Sweet: इस मिठाई के बिना अधूरी है सिंधी समाज की होली, जानिए क्यों है इतनी खास

परंपरा और पर्व से जुड़ी है मिठाई

दरअसल, होली के दिन सिंधी समाज अपनी खास मिठाई घीयर के लिए प्रचलित है जो परंपरा और पर्व से जुड़ी है। सिंधी परिवार में रंग पर्व बिना घीयर के होली मनाई ही नहीं जाती। सिंधी समाज का पारम्परिक पकवान होने के कारण लोग इसकी खरीदी होली पर सबसे अधिक करते हैं। समाज में यह परम्परा है कि होली पर्व पर यह मिठाई हर घर परोसी जाती है। शायद ही ऐसा कोई सिंधी परिवार होगा जो होली पर यह मिठाई ना खाए। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल होली पर करीब 1000 क्विंटल घीयर बिकते है। यह मिठाई स्वादिष्ट होने के कारण इसे सिंधी समाज सहित अन्य समाज के लोग भी खरीदते है। होली पर इसकी खूब बिक्री होती है। कई लोग तो गरमा- गरम जलेबी दुकान पर ही खा जाते है।

Holi Special Sweet: इस मिठाई के बिना अधूरी है सिंधी समाज की होली, जानिए क्यों है इतनी खास

होली पर होती है ज्यादा बिक्री

संतनगर से यह मिठाई दूसरे शहरों में भी भेजी जाती है। सिंधी समाज में यह परम्परा है कि होली पर अपनी बेटी व रिश्तेदारों को यह मिठाई भेजी जाती है। इससे होली के दिनों में इसकी खूब बिक्री होती है। संत नगर के बाजार के कई स्थानों पर मिठाई की दुकानों के अलावा गेहर बड़ी जलेबी के अतिरिक्त स्टॉल लगाये जाते हैं। केवल इतना ही नहीं, दूसरे शहरों से भी लोग घीयर खरीदनें यहां आते हैं। इसके अलावा, बाबुल का प्यार लेकर हर साल बेटी के घर घीयर जाते हैं, जिसमें बेटी को खुशहाली का आशीर्वाद होता है और रंग पर्व की बधाई होती है।

Holi Special Sweet: इस मिठाई के बिना अधूरी है सिंधी समाज की होली, जानिए क्यों है इतनी खास

खास कारीगर द्वारा किया जाता है तैयार

घीयर बनाने वाले कारीगरों की संख्या सीमित है। होली के समय मांग बढ़ने से यह मुंह मांगे पैसे दुकानदारों से लेते हैं। बड़ी जलेबी होने से इसका बनाना आसान नहीं होता। होली पर हर मिठाई की दुकान के बार गेहर बनाते कारीगत देखे जा सकते हैं, कुछ दुकानों पर अभी से घीयर बनना शुरू हो गए हैं। घीयर 280 से 350 रूपये किलो तक मिलते हैं।

Holi Special Sweet: इस मिठाई के बिना अधूरी है सिंधी समाज की होली, जानिए क्यों है इतनी खास

दशकों पुरानी परंपरा

सिंधी समाज की दीपा आहूजा का कहना है कि घीयर मुंह मीठा कराने के लिए सिंधी मिठाई है। होली पर ऐसा हो ही नहीं सकता कि किसी घर में गुलाल लगाने जाएं और आपको गेहर न मिले। दशकों को पुरानी गेहर की परंपरा आज भी सिंधी समाज में मौजूद है और आगे भी रहेगी। घीयर एक ऐसी मिठाई है, जो होली पर ही नजर आती है।

First Holi Of Universe

कंडों की होली की परंपरा

संतनगर में होली पर लकड़ी बचाने का संदेश देने के लिए स्कूलों में कंडों की होली जलाने की परंपरा पांच दशक पहले शुरू हुई थी जो अभी भी बनी हुई है। वैसे हर पर्व को सादगी से मनाने का संस्कार बचपन में ही डालने के लिए त्योहार मनाए जाते हैं और विशिष्ठजन पर्व को सादगी और गरिमा से मनाने का संदेश देते हैं। हर पर्व को मनाने के संस्कार बच्चों में स्कूली जीवन से डाले जाते हैं। पर्यावरण को बचाने का संस्कार डालने के लिए स्कूलों में कंडों की होली जलाने की परंपरा है। पर्व मनाते हुए बच्चों को यह बताने की कोशिश होती है कि जंगलों को काटकर होली जलाना ठीक नहीं। यह पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है।

Indore Holi Market

मिठाई विक्रेता ने कही ये बातें

होली पर कई दिन पहले से गेहर बनने शुरू हो जाते हैं। यह बेहद खास पैकिंग में दिए जाते हैं। देश में जहां भी सिंधी समाज के लोग रहते हैं वहां होली पर गेहर मिठाई की दुकानों पर दिखे जा सकते है। संतनगर से सिंधी परिवार अपने प्रियजनों के पास गेहर पर मिठाई भेजते हैं- राजू मोरंदानी, मिठाई विक्रेता

Holi Special Sweet: इस मिठाई के बिना अधूरी है सिंधी समाज की होली, जानिए क्यों है इतनी खास

भोपाल से रवि कुमार की रिपोर्ट


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News