होशंगबाद।
नर्मदा, क्षिप्रा एवं मंदाकिनी नदी न्यास के अध्यक्ष का पद लेने के बाद कंप्यूटर बाबा ने रेत माफियाओं और अवैध कारोबार पर अपनी नजर जमाना शुरु कर दिया है।इसी कड़ी में रविवार देर शाम बाबा वे नर्मदा तटों का जायजा लेने पहुंचे। जहां कम पानी होने के कारण उनकी नाव रात के अंधेरे में नदी में बीच में ही फंस गई और रास्ता खोजने के लिए होम गार्ड के जवान इधर-उधर ही घुमाते रहे। इसके बाद एसडीएम ने उन्हें नाव को वापस लाने को कहा और सब लौट आए।
दरअसल, रविवार को बाबा होशंगाबाद सर्किट हाउस पहुंचे थे।चर्चा के दौरान मीडिया ने उनसे बुदनी के जोशीपुर में रेत का अवैध उत्खनन को लेकर सवाल किया। उन्हें बताया कि आप खुद घाट पर इस तरफ खड़े होकर उस तरफ का नजारा देख लो, बाबा भी उठे औऱ सर्किट हाउस के कमरे से निकलकर घाट किनारे आ गए। उन्होंने खुद देखा कि पल्लेपार आठ-दस ट्रैक्टर नर्मदा से रेत निकालकर किनारे पर ढेर लगा रहे थे। इस पर बाबा ने एसडीएम-तहसीलदार को तुरंत नाव मंगाने के निर्देश दिए और नाव पर मीडिया और अधिकारियों के साथ कार्रवाई के लिए निकल पड़े, लेकिन बीच रास्ते में ही उनकी नाव पानी के बीचो बीच फंस गई। अंधेरे के चलते गार्ड भी नाव को इधर उधर घुमाते रहे जब आगे जाने का रास्ता नही मिला तो एसडीएम आरएस बघेल ने कम्प्यूटर बाबा को अंधेरा अधिक और बोट में रेत फंसने के कारण वापस होने की सलाह दी। जिसके बाद पूरी टीम वापस सर्किट हाउस आ गई।
बात इतने पर ही खत्म नही हुई घटना के बाद बाबा ने सीहोर कलेक्टर को फोन किया और कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम बुदनी और पुलिस अमला पल्ले पार नर्मदा किनारे कार्रवाई करने पहुंचे,लेकिन उससे पहले रेत माफिया के लोग ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए। प्रशासन ने कहा उन्हें कोई भी नदी से अवैध उत्खनन करते नहीं मिला, जबकि बाबा का कहना था कि मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है।
बाबा ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुधनी के इलाके में नर्मदा को खत्म कर दिया गया है। अब कमलनाथ की सरकार एक्शन ले रही है। खनिज, राजस्व और पुलिस महकमे को निर्देशित किया गया है कि नर्मदा से रेत की एक तगाड़ी भी अवैध रुप से बाहर न जा सके , इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने शिवा कार्पोरेशन के स्टाक का भी जायजा लिया।