इटारसी, राहुल अग्रवाल। इटारसी (Itarsi) में कोरोना मरीजों (Corona patients) और कोरोना से मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक महीने में शहर के अंदर 400 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। इसके बावजूद जिला स्वास्थ्य विभाग से आने वाला हेल्थ बुलेटिन (Health bulletin) शहर ही नहीं बल्कि जिले में शून्य मौतें बताता है। प्रशासन का कहना है कि ये सभी मौतें कोरोना से नहीं है बल्कि सामान्य हुई है, तो सवाल यह उठता है कि जिस शहर में कभी साल भर में 200 मौतें नहीं होती थी वहां एक महीने में 400 मौतें क्यों और कैसे हुई ? शमशान में जलती चिताएं प्रशासन के झूठे आंकड़ों की साफ तौर पर पोल खोलते नजर आते है की इटारसी में किस कदर मौत का मंजर छाया हुआ है।
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जानकारी के अनुसार शांतिधाम के आंकड़ों के हिसाब से यहां अप्रैल महीने में औसतन 10 शव अंतिम संस्कार के लिए आये है। लेकिन 1 अप्रैल से 3 अप्रैल तक यहां करीब 300 अंतिम संस्कार किये गए है। बता दें कि शांतिधाम के अलावा शहर में दो अन्य शमशान घाट है जहां शवो का अंतिम संस्कार किया जाता है, वही होशंगाबाद (Hoshangabad) के नर्मदा घाट और भोपाल (Bhopal) में होने वाले अंतिम संस्कारों की गिनती अलग है। अनुमान के हिसाब से अगर एक शांतिधाम में जहां शवों का लेखाजोखा रखा जाता है यहां पर 300 अंतिम संस्कार हुए है तो बाकी के 4 जगहों पर 100 अंतिम संस्कर होना कोई बड़ी बात नहीं है। मई के इन 4 दिनों में ही यहां पर 35 अंतिम संस्कार हो चुके है। लेकिन जिला प्रशासन चिता की आग से अपने हाथ बचाने के लिए इस बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा कि आखिर इतनी मौतें क्यो हो रही है। वैसे तो इटारसी में कोरोना संभालने का जिम्मा कलेक्टर धनंजय सिंह ने एसडीएम को दे रखा है, वे स्वयं स्थिति का जायजा लेने कम ही आती है। ऐसे में मंगलवार को प्रदेश की महिला बाल विकास विभाग की संचालक और जिले की कोविड प्रभारी स्वाति मीणा ने इटारसी के कोविड सेंटर का दौरा किया। यहां वे बाहर से ही अस्पताल अधीक्षक से जानकारी लेकर जिला मुख्यालय के लिए रवाना हो गयी। इस बीच जब उनसे मौत के आंकड़ों पर सवाल किया तो उन्होंने भी गोल मोल जबाब दिया, वहीं साथ मे मौजूद जिला पंचायत सीईओ ने भी सवाल को दबाने की कोशिश की, आप भी सुनिए किस तरह मैडम अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रही है।