फूल सिंह बरैया के बयान से नाराज करणी सेना ने किया उनका पुतला दहन

होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव का प्रचार शुरू हो चुका है। प्रचार के साथ नेताओं के द्वारा विवादित बयानबाजी का दौर भी चल रहा है, इसी क्रम में भांडेर से कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारा एक विवादित बयान के विरोध में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने आज स्थानीय जयस्तम्भ चौक इटारसी पर फूल सिंह बरैया का पुतला दहन किया। साथ ही जमकर नारेबाजी करते हुए चेतवानी दी कि अगर सवर्ण समाज के खिलाफ किसी भी नेता द्वारा अनर्गल टिप्पणी की तो राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना उग्र आंदोलन करेंगी। वहीं फूल सिंह बरैया ने सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो करणी सेवा उग्र आंदोलन करेगी।

ये था पूरा मामला


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।