राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने किया 210 स्व सहायता समूहों को 270 लाख रुपए का ऋण वितरित

होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। जिले में आज आयोजित ऋण वितरित कार्यक्रम में शामिल हुए उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने जिले की 210 स्व सहायता समूहों को 270 लाख रुपए दिए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं ,स्व सहायता समूह की बहनें हर क्षेत्र में अग्रणी बने इस हेतु योजनाबद्ध तरीके उन तक लाभ पहुंचाया जा रहा है।

राज्य मंत्री कुशवाहा ने कहा कि बाबई स्थित पोषण आहार संयंत्र अब जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार गरीब का होता है, गरीबों का हक उन तक पहुंचा कर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे सही साबित करके दिखाया है। मुख्यमंत्री चौहान निरंतर गरीबों का चिंतन कर उनके चौमुखी विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचा रहे है । मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में गरीब कल्याण सप्ताह के माध्यम से गरीबों, किसानों ,महिलाओं हर वर्ग को उनका वाजिब हक दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को लाभान्वित करने हेतु एवं गरीबों के कल्याण हेतु सार्थक प्रयासों किए जा रहे है । प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की विचारधारा को साकार रूप दे रही है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।