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Tue, Dec 9, 2025

संतोष वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, पहले फर्जी दस्तावेज, अब अजाक्स अध्यक्ष पद के दावे पर भी उठे सवाल, सरकारी रिकॉर्ड में किसी और का नाम

Written by:Banshika Sharma
विवादों में घिरे आईएएस संतोष वर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब एक सरकारी दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि वर्मा अजाक्स के अध्यक्ष नहीं हैं, जबकि उन्होंने इसी पद की आड़ में विवादित बयान दिए थे। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार मुकेश मौर्य संगठन के प्रांत अध्यक्ष हैं।
संतोष वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, पहले फर्जी दस्तावेज, अब अजाक्स अध्यक्ष पद के दावे पर भी उठे सवाल, सरकारी रिकॉर्ड में किसी और का नाम

भोपाल: विवादित आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के मामले में हर दिन नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। फर्जी अदालती दस्तावेजों और आईएएस पद को लेकर चल रहे विवादों के बीच अब उनके अजाक्स (AJAKS) संगठन के अध्यक्ष होने के दावे पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सरकारी दस्तावेजों ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्मा संगठन के अध्यक्ष पद पर नहीं हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

संतोष वर्मा का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर अभद्र बयान दिया था। यह बयान उन्होंने अजाक्स के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने के दौरान दिया था। ऐसा माना जा रहा था कि संगठन में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए उन्होंने यह पदभार ग्रहण समारोह आयोजित किया था और वहीं से विवादित टिप्पणियां की थीं।

सरकारी दस्तावेज में खुला राज

ताजा जानकारी के मुताबिक, एक सरकारी दस्तावेज सामने आया है जो संतोष वर्मा के दावों की पोल खोलता है। इस दस्तावेज में न केवल अध्यक्ष का नाम साफ तौर पर लिखा है, बल्कि वह तारीख भी दर्ज है जब यह जानकारी दी गई। दरअसल, विधानसभा में विधायक राजेंद्र भारती ने एक तारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से मान्यता प्राप्त संगठनों की जानकारी मांगी थी।

रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी ने इस प्रश्न के उत्तर में जो जानकारी भेजी, उसमें भारी विसंगतियां पाई गईं। शुरुआत में फरवरी 2025 की स्थिति के अनुसार जे.एन. कंसोटिया को अजाक्स का अध्यक्ष बताया गया। हालांकि, कंसोटिया अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त हो चुके थे। अजाक्स के नियमों के मुताबिक, कोई भी सेवानिवृत्त व्यक्ति संगठन का अध्यक्ष नहीं रह सकता।

मुकेश मौर्य हैं असली अध्यक्ष

जब कंसोटिया के नाम वाली जानकारी सामने आई, तो अजाक्स के वास्तविक पदाधिकारियों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी ने एक संशोधित जानकारी भेजी। इस नई जानकारी के अनुसार, नवंबर 2025 की स्थिति में मुकेश मौर्य अजाक्स के प्रांत अध्यक्ष हैं। इस खुलासे के बाद संतोष वर्मा का खुद को अजाक्स का प्रांत अध्यक्ष बताने का दावा पूरी तरह से फर्जी साबित हो गया है।

मंच के दुरुपयोग का आरोप

इस घटनाक्रम से यह भी सिद्ध होता है कि संतोष वर्मा अजाक्स के मंच का दुरुपयोग कर रहे थे। जिस पद पर वह काबिज ही नहीं थे, उसका इस्तेमाल कर उन्होंने सार्वजनिक मंच से बयानबाजी की। सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी में पदस्थ एक अधिकारी द्वारा भेजी गई शुरुआती जानकारी में भी गड़बड़ी थी, जिसे बाद में सुधारा गया। यह पूरा मामला अब सरकार के लिए संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने का एक मजबूत आधार बन गया है। पहले से ही फर्जी दस्तावेजों के आरोपों से घिरे वर्मा के लिए यह नया खुलासा किसी डेली सोप की तरह नई मुसीबतें लेकर आया है।