‘भ्रष्टाचार की प्याज’, छिलके उतारने वाली प्रमुख सचिव को हटाया

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भोपाल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में शनिवार की शाम एक प्रशासनिक निर्णय चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल प्रदेश के उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव और आयुक्त मनोज अग्रवाल को पद से हटा दिया गया है। हैरत की बात यह है कि मनोज अग्रवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले की जांच प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव ही कर रही थी।

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उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव का तबादला प्रदेश के प्रशासनिक हलकों सहित राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तंखा ने तो बाकायदा ट्वीट करके इस तबादले को हैरतअंगेज बताया है। तनखा ने ट्वीट में लिखा है,”अजब और गज़ब मध्यप्रदेश @ChouhanShivraj का।जिस प्रमुख सचिव ने प्याज घोटाला उजागर किया, उसी को विभाग से हटा दिया…गज़ब है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।