दबंगों का सिक्का, मरघट में मक्का, आमजन हो रहे परेशान, सीईओ जिला पंचायत ने कही कार्रवाई की बात

MP: दमोह में दबंगों ने श्मशान घाट की जमीन पर मक्के की फसल उगा दी है, जिससे ग्रामीणों को अंतिम संस्कार में कठिनाई हो रही है।

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MP: मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में दबंगों की कहानी कोई नई बात नहीं है आए दिन यहां अजीबोगरीब घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है। लेकिन इस बार तो गजब ही हो गया। दरअसल, दमोह जिले में दबंगों की दबंगई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बासी गांव में दबंगों ने जो काम किया है उसे देखकर और सुनकर हर कोई हैरान है। श्मशान घाट एक ऐसी जगह होती है जहां अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन अब शमशान घाट की जमीन पर मक्के की फसल लगा दी गई है।

दरअसल, यहां के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बासी गांव में दबंगों ने पंचायत की जमीन पर ही कब्जा कर लिया है, बताया जा रहा है कि पहले इस जमीन पर शमशान घाट हुआ करता था। इन दबंगों ने न केवल कब्जा किया बल्कि शमशान घाट में मक्के की फसल भी उगा दी। अब सवाल यह उठता है कि अगर गांव में इस बीच किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार कहां किया जाएगा।

गांववासियों ने इस स्थिति का सामना करते हुए दुआ की थी, कि जब तक फसल कटे नहीं, भगवान करे गांव में किसी की मौत ना हो, क्योंकि दबंगों से बहस करने में सभी को डर लगता है। लेकिन जब गांव में एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई तो लोगों को मजबूरी में मक्के की खड़ी फसल के बीच से शव ले जाना पड़ा। अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित स्थल पर फसल के बीच लोगों ने डर और दशहत के साथ अंतिम संस्कार किया, ताकि फसल को किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचे।

भारी संख्या में अंतिम यात्रा में पहुंचे लोग इस बात का ध्यान रख रहे थे की फसल को कोई नुकसान ना हो वरना उन्हें दबंगों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन कुछ देर बाद यह स्थिति देखने के बाद मरघट में मौजूद लोगों का सब्र टूट गया और ग्रामीणों ने स्थिति की तस्वीर कैमरे के सामने कैद की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की। स्थानीय अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया।

CEO जनपद पंचायत मनीष बागरी का कहना

सीईओ जनपद पंचायत मनीष बागरी ने बताया कि रिपोर्टर के द्वारा उन्हें इस मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। ग्राम पंचायत के संबंध में अभी तक कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई थी, लेकिन अब मामला संज्ञान में आ चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सुनिए ग्रामीणों की बात

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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