इंदौर, आकाश धोलपुरे। IIT की पढ़ाई बेहद कठिन होती है और इस कठिन परीक्षा को पास कर देश के नामी कॉलेजो में एडमिशन के बाद एक आईआईटियन रहकर पढ़ाई पूरी करने के बाद हर एक स्टूडेंट के मन मे बड़ी जॉब का सपना होता है। वहीं इसे पूरा करने के बाद ही एक आईआईटियन खुद को सफल मानता है। दरअसल, ये सब कुछ हम आपको इसलिए बता रहे है क्योंकि कॉम्पटीशन के इस दौर में हर किसी का लक्ष्य होता है खुद को सबसे आगे रखना लेकिन इंदौर में एक युवक के सपनों पर जब पानी फिरा तो उसने जिंदगी और मौत में से मौत को चुना। युवक का ये फैसला अब परिवार पर भारी पड़ रहा है।
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ताजा मामला सामने आया है जहां बुधवार रात को इंदौर में पदस्थ अपर कलेक्टर के बेटे ने सरकारी आवास की बालकनी में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मृतक ने अंग्रेजी भाषा में दो पन्नो का सुसाइड नोट छोड़ा है जिसकी जांच पुलिस कर रही है। सुसाइड का ये मामला इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र की नर्मदा कॉलोनी का है। जहां रहने वाले अपर कलेक्टर ब्रजेश कुमार विजयवत के बेटे सार्थक ने अपने घर की बालकनी में जाकर फांसी लगा ली और दुनिया को अलविदा कह दिया। महज 19 साल की ही उम्र में सार्थक ने घातक कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि मृतक सार्थक आईआईटी खड़गपुर से अपनी पढ़ाई कर रहा था और कुछ दिन पहले ही इंदौर आया था। कॉलेज प्लेसमेंट में उसे उसके मन मुताबिक और बड़े पैकेज की जॉब नहीं मिली थी जिसके चलते वह निराश था। इसी निराशा के चलते वह डिप्रेशन का शिकार हो गया था। बड़ा पैकेज नहीं मिल पाने के चलते ही उसने आत्महत्या जैसा यह कदम उठाया और अपने जीवन को समाप्त कर लिया।
सार्थक ने आत्महत्या से पहले 2 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसका अनुवाद भी हिंदी में कराया जा रहा है। लसूड़िया पुलिस के जांच अधिकारी उदयपाल सिंह कुशवाह ने बताया कि इस पूरे मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है और मृतक के शव को पोस्मार्टम के लिए एम.वाय. अस्पताल भिजवाया दिया है। जानकारी के मुताबिक मृतक सार्थक इंदौर में पदस्थ अपर कलेक्टर ब्रजेश कुमार विजयवत का बेटा है जो कि इंदौर में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में अपर संचालक पद पर पदस्थ है। इधर, सार्थक के इस कदम के बाद अपर कलेक्टर का पूरे परिवार में मातम है। परिवार को उनके होनहार बेटे द्वारा ऐसा घातक कदम उठाने से सदमा लगा है।