इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश में कोरोना (corona) के एपिसेंटर रह चुके इंदौर में एक बार फिर इसका डर सताने लगा है। दरअसल, बीते 6 दिनों से यहां हर रोज 100 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लिहाजा, प्रशासन इसे लेकर सतर्क है। जहां मंगलवार को इंदौर में क्राइसिस मैनेजमेंट समूह की बैठक में कई बड़े फैसले लेकर कोरोना की रोकथाम के प्रयास शुरू किए जा चुके है वहीं चिकित्सा क्षेत्र में भी प्रशासन पॉजिटिव मरीजों के इलाज को लेकर तैयार हो चुका है।
इंदौर में कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार का कहना है कि लोगो को जागरूक रहकर फिर से पैदा हुई इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात को जारी रिपोर्ट के मुताबिक 105 सैंपल पॉजिटिव आये है। वहीं उन्होंने बताया कि इंदौर जिले में कुल 8 लाख 25 हजार 835 सैम्पल जांच किये थे जिनमें से 59101 केस कोविड पॉजिटिव रहे है और इंदौर का कुल पॉजिटिविटी रेट 7.1 प्रतिशत है।
डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि 931 लोगो की मौत कोरोना के कारण हुई है और ये ही वजह है कि 1.56 डेथ रेट इंदौर में अब तक का है। वही इंदौर का कुल कोरोना रिकवरी रेट करीब 97.1 प्रतिशत है जिसके चलते 57430 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके है। वही इंदौर में एक्टिव पेशेंट का रेट 1.57 प्रतिशत है। डॉ. अमित मालाकार ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते बुधवार को निजी अस्पतालों से बैठक कर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इंदौर में कोविड के पहले दौर में 4 से साढ़े चार हजार बैड कैपेसिटी थी और अब हुई बैठक में उन सभी अस्पतालो को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में यदि केस बढ़ते है तो निजी अस्पतालो से पहले की ही तर्ज पर बैड लिए जा सकते हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जिला इंदौर ने आम जनता से जागरुक और सतर्क रहने की अपील कर मास्क पहनने और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने की भी अपील की है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए जनता से आग्रह किया गया है।