इंदौर, आकाश धोलपुरे। शहर से सटे मानपुर के एक पिकनिक स्पॉट पर रविवार को पिकनिक मनाने गए लोगों की आफत आ गई । हालांकि, राहत की बात ये हैं कि ग्रामीणों का सहारा मिल गया, नहीं तो उफान पर आये झरने में कई लोगों की जान चली जाती।
दरअसल, घटना इंदौर से कुछ किलोमीटर दूर महू के समीप स्थित मानपुर के जोगीभड़क झरने की है। जहां आज बारिश के चलते पानी उफान पर आने पर एक के बाद एक 4 कारे बहने लगी। हालांकि कि ये रहत रही कि उस दौरान बेटलिया गांव के लोग मौके के आस पास मौजूद थे, जिन्होंने एक बड़ा हादसा टाल दिया।
ग्रामीणों के मुताबिक बेटलिया ग्राम के जोगीभड़क झरने में आज पानी का बहाव अचानक तेज हो गया, जिसके चलते झरने के खुले पर खड़ी 4 कारे तेज पानी के बहाव में बहने लगी। मिली जानकारी के मुताबिक लोग पुल पर और उसके आस पास कार पार्क कर नहा रहे थे, तब ही पानी का बहाव इतना तेज हुआ कि झरना उफान पर आ गया और वहां मौजूद लोग तुरंत भाग खड़े हुए, जिनकी सहायता ग्रामीणों ने की।
बताया जा रहा है कि तेज बहाव में एक बलेनो कार बहकर नेस्तोनाबूत हो गई। वहीं 3 अन्य कारो को ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे बचा लिया। गनीमत ये रही कि इस दौरान कार में कोई सवार नहीं था, नहीं तो जान और माल दोनों का नुकसान हो जाता। फिलहाल, इस पूरे मामले का वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आप भी देखे और इस मौसम में कोरोना के बीच ऐसे स्थानो पर जाने के पहले सावधानी जरूर बरते क्योंकि नजर हटी और दुर्घटना घटी वाला हादसा किसी के भी साथ हो सकता है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।