इंदौर| आकाश धोलपुरे| इंदौर (Indore) से आई दर्द भरी तस्वीर को लोगो ने अपने हिसाब से सोशल मीडिया पर वायरल किया और इस बीच ट्रोलर द्वारा तमाम कयास सोशल मीडिया पर लगाये जा रहे है | लेकिन वायरल वीडियो की सच्चाई एम. पी.ब्रेकिंग न्यूज़ ने पहले ही साफ कर दी थी। अब एम.पी. ब्रेकिंग न्यूज उस रिपोर्टर तक पहुंच गया है जिसके साथी के साथ उसने ये हकीकत को दुनिया के सामने रखा था। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो इंदौर का बताया जा रहा है| बताया ये भी जा रहा है कि बैल को हांकने शख्स महाराष्ट्र से राजस्थान जा रहा है। इस बात में कितनी सच्चाई है वो तो बैल हांकने वाला जाने लेकिन हकीकत में जहां से वीडियो वायरल हुआ और प्रशासन हिल गया उसके बारे में हम आपको कुछ सच्चाई बता देते है।
हकीकत में इंदौर बायपास का वीडियो मंगलवार दोपहर 3 बजे से 4 बजे के बीच का है जिसे रिपोर्ट किया था सांवेर में रहने वाले पत्रकार प्रवीण बधानिया ने। जो अपने फेसबुक पेज के जरिये कोरोना से जुड़ी खबरे सभी के सामने रखते है। जब हमने प्रवीण बधानिया से बात की तो उन्होंने बताया की वीडियो सोशल मीडिया जमकर वायरल होते ही प्रशासन और सरकार उस दर्द को जानने और उससे राहत दिलाने की कोशिश करते नजर आई। प्रवीण ने बताया की उन्होंने वायरल वीडियो की रिपोर्ट मंगलवार को देवगुराड़िया के नजदीक बायपास पर बनाई थी। इस दौरान राहुल नामक शख्स ने बताया था कि उसने आर्थिक तंगी के चलते अपना एक बैल 5 हजार में बेच दिया जबकि वो आम दिनों में कई गुना ज्यादा कीमत पर उन्हें बेचता है। मतलब साफ है कि राहुल और उसका परिवार बैल बेचने का काम करता है। वही प्रवीण ने बताया कि राहुल और उसकी भाभी सहित उसका छोटा भाई कोसो दूर से बैल हांककर रात 10 बजे के लगभग पत्थर मुंडला पहुंचा था जिसकी तफ्तीश उन्होंने की थी। इसके बाद बंजारा प्रवृत्ति का पालन कर वो आज सुबह उस स्थान पर अस्थायी तौर पर मौके से निकल गया। बता दे कि सरकार और उसके अफसरों को बैल हांकते शख्स की तस्वीरें पसंद नही आई जिसके चलते अब सभी राहुल व उसके परिवार की तलाश में है। जर्नलिस्ट प्रवीण बधानिया की माने तो बायपास पर ऐसे दृश्य आम है और हकीकत ये है कि वो शख्स महाराष्ट्र से नही निकला था और ना ही उसे राजस्थान जाना था। वो तो एक परिवार है जो कोरोना के अंधेरे में जीवन का उजाला ढूंढ रहा है। आइए जानते है वीडियो की हकीकत वीडियो की ही जुबानी।