इंदौर डीएवीवी के कर्मचारियों में रोष व्याप्त, जानें क्या है पूरा मामला

Amit Sengar
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Indore News : इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थाईकरण से नियमितीकरण के आदेश दिनांक करीब 6 माह पहले आ चुके हैं। जिसको लेकर डीएवीवी के स्थापना विभाग से जारी हो चुका है। आदेश के चलते 84 कर्मचारियों को सैलरी बढ़कर मिलना है। लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया है जिसके चलते कर्मचारियों में रोष है और कुलपति को लिखित ज्ञापन भी कर्मचारी दे चुके हैं।

यह है पूरा मामला

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सेवाएं देने वाले कर्मचारी को परेशानी का सामना पिछले 6 महीना से करना पड़ रहा है दरअसल, स्थाई कर्मचारियों को नियमित किया गया। नियमों के अनुसार, डीएवीवी के सम्बंधित विभाग को इस पूरे मामले में जानकारी लिखित रूप में देते हुए दिए गए आदेश का पालन करने के लिए कहा गया था। लेकिन मामले में 6 महीने गुजर जाने के बाद भी 84 ऐसे कर्मचारी हैं जिनको नियमित हो जाने के बाद भी बड़ी हुई तनख्वाह आज दिनांक तक नहीं मिली। इस पूरे मामले में एक पत्र भी सम्बंधित विभाग को दिया गया है। जिसमें विश्वविद्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी स्थाई कर्मी कर्मचारियों को नियमित कारण किए जाने के उपरांत वेतन भुगतान किए जाने की अनुशंसा अंकित है।

84 कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर कुलपति प्रोफेसर रेनू जैन ने मीडिया से बात की और मामले का संज्ञान में आना बताते हुए जल्द ही इस मामले को निपटने की बात कही है कुलपति ने हो रही देरी को लेकर सम्बंधित डिपार्मेंट से बात करने की बात कहते हुए जल्दी ही मामले का हल निकाला जाएगा।

इस पूरे मामले को अलमिजामा पहनाने के लिए कुलपति ने अपनी ओर से भी कोशिस शुरू कर दी है जल्द ही पूरे नियमों के अनुसार मामले के हल होने की उम्मीद हालत को देखने के बाद की जा सकती है, जिसके बाद कर्मचारियों को राहत मिलेगी।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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