Indore : मध्य प्रदेश का इंदौर शहर सबसे स्वच्छ होने के साथ-साथ नए-नए नवाचार के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं अगर शहर में कोई आपदा आ जाती है तो तुरंत उसे ठीक करने का प्रयास किया जाता है। इस कार्य को और बेहतर बनाने के लिए एक नए सिस्टम को जल्द लागू किया जाएगा जो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा। ये सिस्टम जल्द से जल्द आपदा को रोकने के लिए और तुरंत पुलिस स्टेशन, फायर ब्रिगेड, अस्पताल प्रबंधन के साथ कई अधिकारियों तक आपदा की सूचना पहुंचाने में मदद करेगा।
इसका काफी ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा और तुरंत ही बताओ व राहत कार्य भी करने में मदद मिलेगी। इस सिस्टम को शहर के एक प्रोफेसर द्वारा तैयार किया गया है। यह देश का पहला ऐसा शहर होगा जो इस सिस्टम पर काम करने वाला है। यह सिस्टम एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी यानी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा। चलिए जानते हैं यह कैसे काम करेगी और अचानक इसकी चर्चा क्यों होने लगी?
Indore में ये सिस्टम किया जाएगा लागू
इंदौर में रामनवमी के दिन बिलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे के बाद इस सिस्टम को लेकर चर्चा तेज हो गई। दरअसल, उस हादसे में 36 लोगों की जान चली गई जिसके बाद रेस्क्यू करने में प्रशासन को करीब 24 घंटे लग गए। ऐसे में अगर भविष्य में कभी कोई आपदा आती है तो वह मुसीबत बन सकती है। इससे निपटने के लिए एससीएसआईटी के प्रबंध निदेशक डॉ पीके चांदे ने एक सिस्टम बनाकर तैयार किया है।
प्रोफेसर के द्वारा डिजास्टर रेसिलियंट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म बनाकर तैयार किया गया है, जिसको राष्ट्रीय स्तर पर फिक्की की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है। ऐसे में इंदौर की महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रशासन से मुलाकात की और इस सिस्टम को लेकर चर्चा की। जिसके बाद डिजास्टर रेसिलियंट मैनेजमेंट सेल बनाने का निर्णय लिया गया।
प्रोफेसर का मानना है कि छोटी से छोटी चीज बाद में डिजास्टर में कन्वर्ट हो जाती है। लेकिन अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो इससे जल्द निपट सके। क्योंकि बचाव के लिए ऐसी टीम की जरुरत पड़ती है जो सभी को एक साथ अलर्ट कर मौके पर भेज सकें। ऐसे में जो टेक्नोलॉजी उन्होंने बना कर तैयार की है वो फिक्की की ओर से भी पुरस्कृत की जा चुकी हैं।
इसे बनाने में उन्हें डेढ़ साल लगा है। ये टेक्नोलॉजी एप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वर्किंग करता है। वह इंदौर में इसे पहले लागू करना चाहते हैं। उनका मानना है कि इंदौर से इसकी शुरुआत हो और पूरे देश में ये व्यवस्था हो। अभी हमारे पास जो सिस्टम है उसके तहत कोई भी व्यक्ति डायल 100 या 101 पर कॉल कर किसी भी प्रकार की घटना-दुर्घटना की सूचना दे सकता है।