इंदौर नगर निगम के सहायक दरोगा ने इस एवज में मांगी थी घूस, लोकायुक्त ने 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी सहायक दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।

Amit Sengar
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Lokayukta Action : भ्रष्टाचार पर सख्त एक्शन के निर्देश के बावजूद सरकारी कर्मचारी अधिकारी बेख़ौफ़ होकर रिश्वत ले रहे हैं, प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस लगतार कार्रवाई कर रही है ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर जिले से आ रहा है जहाँ इंदौर लोकायुक्त टीम ने नगर निगम के सहायक दरोगा रोहित पथरोड को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

पीड़ित ने इंदौर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ऑफिस में दिया आवेदन

इंदौर लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, फरियादी यश चावरे पिता विकास चावरे निवासी इंदौर का है जो इंदौर नगर निगम में रेडकीपर के पद पर कार्यरत है। जिसने एक शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिया था। जिसमें शिकायत की गई थी कि सहायक दरोगा रोहित पथरोड पर रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाये गए थे।

सहायक दरोगा ने मांगी 5 हजार रुपये की रिश्वत

फरियादी नगर निगम कर्मचारी यश चावरे ने आवेदन में बताया कि नवंबर और दिसंबर महीने का वेतन निकालने के बदले में सहायक दरोगा रोहित पथरोड पिता रामकिशन पथरोड के द्वारा 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही। क्योंकि कर्मचारी रेगकीपर के पद पर था मगर उससे ड्राइवरी कराई गई। आवेदक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की।

रिश्वत (Bribe) लेते सहायक दरोगा रंगे हाथ गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक ने शिकायत का सत्यापन कराया और तो शिकायत सही पाई गई। फिर एक टीम का गठन कर ट्रैप प्लान की गई। आज 27 दिसंबर को आवेदक ने आरोपी सहायक दरोगा रोहित पथरोड को रिश्वत की राशि 5000 रुपये दिए। वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्टाचारी सहायक दरोगा रोहित पथरोड को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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