Indore News : जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई, रेडीमेड कारोबार में मचा हड़कम्प

इंदौर, आकाश धोलपुरे । मध्यप्रदेश के रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार के हब इंदौर में शुक्रवार रात को जीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा छापेमारी की गई। दो बड़े कारोबारियो पर पड़े छापों से न सिर्फ इंदौर मध्यप्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली, बेल्लारी और लुधियाना जैसे शहरों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, शहर के नही बल्कि देश के दो बड़े रेडीमेड गारमेंट्स कारोबारी GH एंड कंपनी और सनराइज एंड कंपनी पर जीएसटी की छापे कार्रवाई की गई है। बता दे कि देश के रेडीमेड कारोबार में दोनों ही कंपनियों की करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी बताई जा रही है वो इसलिए क्योंकि दोनों ही कंपनी डायरेक्ट फैक्ट्री से माल लेकर सीधे आउटलेट्स तक पहुंचाती थी। बता दे कि GH ग्रुप के देशभर में करीब 16 ब्रांच ऑफिस है। शुक्रवार रात को GH ग्रुप के तिलक पथ और सनराइज एंड कम्पनी के राजबाड़ा स्थित संस्थान पर जीएसटी विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है।

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दरअसल, जीएसटी के छापे के पीछे की सीधी वजह बस यही सामने आ रही है कि इंदौर के रेडीमेड कारोबारियों द्वारा जीएसटी की दरों में होने वाली वृद्धि का विरोध किया जा रहा है। पिछले एक माह के दौरान इंदौर के रेडीमेड व्यापार जगत द्वारा जनप्रतिनिधियों से संवाद किया जा रहा है और केंद्र सरकार के नाम पर ज्ञापन भी सौंपे गए है। ऐसे में विरोध के स्वर इंदौर से उठते देख माना ये जा रहा है कि सरकार रेडीमेड कारोबारियों को कड़ा संदेश देना चाहती है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।