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Sun, Dec 21, 2025

हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, अब इन कर्मचारियों को भी मिलेगा गेच्युटी-अवकाश का लाभ, जानें पूरा मामला

Written by:Pooja Khodani
Published:
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हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, अब इन कर्मचारियों को भी मिलेगा गेच्युटी-अवकाश का लाभ, जानें पूरा मामला

MP High Court  Decision : मध्य प्रदेश की इंदौर हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सजा मिलने के बाद भी रिटायर्ड अधिकारी की गेच्युटी व अवकाश की राशि रोकना गलत है, सजायाफ्ता कर्मचारी को भी ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश का अधिकार होगा। खबर है कि इंदौर हाई कोर्ट में एक रिटायर्ड अधिकारी ने अपनी ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश की राशि रोके जाने को लेकर याचिका लगाई थी, जिस पर हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

सजायाफ्ता कर्मचारी को भी मिलनी चाहिए गेच्युटी-अर्जित अवकाश का लाभ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक याचिका की सुनवाई के बाद निर्धारित किया कि ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश, कर्मचारी का अधिकार है। यह सजायाफ्ता कर्मचारी को भी मिलनी चाहिए। किसी अपराध के लिए यदि उसे सजा मिली है तो इसके आधार पर ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश की राशि को राजसात नहीं किया जा सकता। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अब माना जा रहा है कि इस फैसले के आधार पर उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जिनकी गेच्युटी व अर्जित अवकाश की राशि संबंधित विभागों ने रोक रखी है।

ये है पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता भुवन वास्कले ने बताया कि वह संयुक्त रजिस्ट्रार के पद से सन 2014 में रिटायर हुए थे। सेवानिवृत्ति के आखिरी दिन डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी कर दिया, जिसके कारण 2020 तक उन्हें उनकी ग्रेच्युटी नहीं दी गई। इसी बीच डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस भी रजिस्टर्ड करवा दिया और बाद में कोर्ट ने उन्हें दोषी घोषित करते हुए 2 साल की सजा सुना दी। इसके बाद विभाग ने उनकी ग्रेजुएटी और अर्जित अवकाश की राशि को राजसात कर लिया।

कर्मचारी की ग्रेच्युटी की राशि को रोकने का प्रावधान नहीं है 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आनंद अग्रवाल ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील प्रस्तुत करते हुए बताया कि पेंशन नियम एवं मध्य प्रदेश सेवा नियमों में कहीं पर भी कर्मचारी की ग्रेच्युटी की राशि को रोकने का प्रावधान नहीं है। अतः किसी भी स्थिति में कर्मचारी की ग्रेच्युटी की राशि को ना तो होल्ड किया जा सकता है और ना ही राजसात की जा सकती है। अधिवक्ता के इस तर्क से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने माना कि ग्रेच्युटी एवं अर्जित अवकाश कर्मचारी का अधिकार है। उसने जो भी अपराध किया उसके लिए उसे दंड निर्धारित किया जा चुका है। इसलिए उस अपराध के आधार पर ग्रेच्युटी एवं अर्जित अवकाश की राशि को राजसात नहीं कर सकते।