इंदौर। आकाश धोलपुरे।
मध्यप्रदेश में कोरोना काल मे राजनीति चरम पर है। जहां प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर व्यस्त है तो दूसरी और बीजेपी संगठन उन नेताओं की बेदखली कर रहा है जो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेताओ को लेकर बयानबाजी कर रहे है। इसी बीच प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने एक ऐसा बयान दे डाला जिसके बाद तो प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई है।
दरअसल, उपचुनाव के पहले राजनीति के एपिसेंटर के रूप में विख्यात सांवेर विधानसभा सीट को लेकर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा है। यहां वर्तमान में मंत्री तुलसी सिलावट का बीजेपी से उपचुनाव लड़ना तय माना जा रहा लेकिन कांग्रेस के लिए एक संकट खड़ा हो गया है क्योंकि पूर्व केंद्रिय मंत्री अरुण यादव के समर्थक और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मुकेश झांझोट ने प्रेमचंद गुड्डू की कांग्रेस में वापसी के लिए मोर्चा खोल दिया।
बता दे कि इसके पहले अकेले सांवेर को लेकर तमाम राजनीतिक उठा – पठक बीते एक सप्ताह से जारी है। जहां बीजेपी छोड़ चुके प्रेमचंद गुड्डू ने मंत्री तुलसी सिलावट और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला तो दूसरी और गुड्डू के बयानों से खफा बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया जिसके बाद गुड्डू ने बीजेपी के निष्कासन के कदम पर कानूनी रास्ता अपनाने का मन बना लिया है। गुड्डू का मानना है कि वो तो 2 माह पहले ही बीजेपी को अलविदा कह चुके है ऐसे में बीजेपी से उनका निष्कासन बेबुनियाद है। प्रेमचंद गुड्डू द्वारा उठाये गए सवालों के जबाव में मंत्री सिलावट ने साफ कह दिया था कि पहले वो तय कर ले कि वो कहा है और मैं उन्हें चुनौती नही मानता। इधर, एम.पी.ब्रेकिंग न्यूज़ को बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर ने एक सप्ताह पहले ही बता दिया था कि गुड्डू के गलत बयानों से लग रहा है कि वो अब न घर के रहे और ना घाट के।
यहां तक तो सब ठीक था क्योंकि गुड्डू ये मानकर चल रहे है कि उन्हें दोबारा कांग्रेस मौका देगी जिसकी चर्चा ना सिर्फ राजनीतिक गलियारों में है बल्कि मीडिया में भी। लेकिन अब गुड्डू के लिए एक बड़ा संकट ये खड़ा हो गया है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुण यादव के समर्थक और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मुकेश झांझोट (पंछी) ने अब प्रेमचंद गुड्डू के खिलाफ खुलकर बयानबाजी शुरू कर दी है। दरअसल, कल जब प्रेमचंद गुड्डू को बीजेपी से निकाला गया तो कांग्रेस नेता मुकेश झांझोट (पंछी) ने कहा कि अब प्रेमचंद गुड्डू कोरोना के संकट में हिमालय की चोटी पर तो नही जा सकते है वो लेकिन अपने घर को हिमालय मानकर उन्हें तपस्य शुरू कर दे और तपस्वी बनकर युवाओ को मौका दे।कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने अपने बयान में ये भी कहा कि प्रेमचंद गुड्डू ने दलितों का कितना ध्यान रखा है ये अगर दलितों से पूछा जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
फिलहाल, उपचुनाव की राजनीति के केंद्र बने सांवेर में आगे सियासत क्या क्या नए रंग बदलेगी ये देखना दिलचस्प होगा फिलहाल, प्रेमचंद गुड्डू अब बीजेपी में नही है और कांग्रेस में आने के पहले उनका विरोध शुरू हो चुका है जिसके चलते ये माना जा सकता है कि प्रेमचंद गुड्डू मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। फिलहाल, देखना दिलचस्प होगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव इस मामले में कौन सा नया दांव खेलते है।