इंदौर। आकाश धोलपुरे| इंदौर (Indore) में कोरोना (Corona) संकट के बीच साम्प्रदायिक सद्भाव की तस्वीर सामने आई है| इंदौर में दो मुस्लिम डॉक्टरो ने शहर के हित मे बड़ा कदम उठाया है और दोनों ही डॉक्टरों ने कोरोना मरीजो की जान बचाने के लिए अरविंदो अस्पताल में अपना ब्लड प्लाज्मा डोनेट (Blood Plasma Donate) किया है।
इंदौर में अब कोरोना का इलाज की राजधानी दिल्ली की तर्ज पर किया जा रहा है। जिसकी जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने शाम को एक ट्वीट के जरिये दी है। चीन के बाद दिल्ली में प्लाज्मा पद्धति (plasma therapy) के परिणाम कारगर रूप में सामने आए है। ऐसे में प्रदेश के इंदौर में भी आज से इस पद्धति के जरिये इलाज शुरू किया गया है। प्लाज्मा थेरेपी (Plasma therapy) कोरोना (Corona) पीङितो के लिए काफी कारगर है। जो मरीज बेहद गंभीर होते हैं और जिनके निरंतर इलाज के बाद भी बचने की संभावना काफी कम होती है उन मरीजों को ठीक हो चुके कोरोना पेशेन्ट के शरीर से प्लाज्मा लेकर चढ़ाया जाता है और जिसके आशातीत परिणाम दिखाई देते हैं ।
बता दे कि डॉ. इज़हार मोहम्मद मुंशी और डॉ. इक़बाल कुरैशी कोरोना संक्रमित हो गए थे और ठीक होने के 14 दिन बाद तक दोनों होम क्वांरन्टीन हो गए थे। इसी बीच जब उन्हें पता चला कि ब्लड प्लाज्मा के जरिये कोरोना मरीजो की जान बचाई जा सकती है तब दोनों ने अपने ब्लड प्लाज्मा को डोनेट करने का निर्णय लिया।
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने जब सभी राज्यो के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक ली तब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मांग उठाई की इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल और एमजीएम कॉलेज ब्लड प्लाज्मा थेरेपी के जरिये इलाज करना चाहते है। इसके बाद अनुमति मिल गई और फिर रविवार को डॉ. इज़हार मोहम्मद मुंशी और डॉ. इक़बाल कुरैशी ने कोरोना से मुकाबले के लिये 500-500ml ब्लड प्लाज़्मा डोनेट किया। बता दे कि जो संक्रमित मरीज कोरोना की जंग जीत जाते है उनके शरीर से ठीक होने के 14 दिन ब्लड प्लाज्मा लिया जाता है और फिर इसी के सहारे पीड़ित मरीजो का इलाज किया जाता है। दरअसल, इसके पीछे की वजह है ठीक हुए मरीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना जिनके ब्लड प्लाज्मा से पीड़ित मरीजो में तकरीबन 5 दिन में सुधारात्मक परिणाम सामने आने लगते है। ब्लड प्लाज्मा डोनेट करने वाले डॉ. इजहार मोहम्मद मुंशी इंदौर सेंटपॉल स्कूल के 1980 बैच के पास आउट है। उनकी पूरी बैच इन दिनों पूर्व छात्र मुकेश कोठारी के साथ कोरोना के सामने मैदान ए जंग में है। पूर्व छात्र मुकेश कोठारी ने एम.पी.ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि मानवता की सेवा में लगे 1980 बैच के पास आउट 80 स्टूडेंट्स ने अब तक शहर के डॉक्टर्स और अन्य वारियर्स को 400 पीपीई किट और मानक स्तर का 100 लीटर सेंटनेटाइजर उपलब्ध करा चुके है वही WHO की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना की जंग में काम आने वाली वस्तुओं को भी डोनेट कर रहे है। फिलहाल, ब्लड प्लाज्मा डोनेट करने के लिए दोनों ही मुस्लिम डॉक्टर ने एक मिशन के तहत कोरोना सेजंग लड़ने का आगाज कर दिया है और अब वे उन लोगो मे विश्वास पैदा कर उन्हें प्रेरित करेंगे जो कोरोना की जंग जीत चुके है ताकि वे भी ब्लड प्लाज्मा डोनेट कर गम्भीर मरीजो की जान बचा सके।