महू में कांग्रेस को सभा के लिए सशर्त अनुमति, नहीं हो सकेंगे राहुल, प्रियंका, खड़गे के भाषण, कांग्रेस ने साधा निशाना

केके मिश्रा ने X पर लिखा- भाषण पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी प्रशासनिक फ़रमान जारी कर संघ के इशारे पर चलने वाली भाजपा प्रदेश सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि बाबा साहब द्वारा संविधान के माध्यम से दिये गये अभिव्यक्ति के अधिकार को भी वह छीन लेना चाहती है, कांग्रेस पार्टी इस निर्णय का पुरजोर विरोध करती है।

Atul Saxena
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Indore News : 27 जनवरी को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली पर होने वाली कांग्रेस की जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली होने जा रही है, इसे लेकर प्रदेश में सियासत गरम है, कांग्रेस ने महू में सभा की अनुमति मांगी है , इंदौर जिला प्रशासन की तरफ से सशर्त अनुमति भी दी गई लेकिन इसमें राजनीतिक और धार्मिक भाषणों पर रोक की शर्त ने सियासी पारा चढ़ा दिया है, कांग्रेस ने प्रशासन की अनुमति पर तंज कसा है।

भारतीय जनता पार्टी पर संविधान ख़त्म करने के आरोप लगाने वाली कांग्रेस देश में संविधान बचाओ का नारा देकर आंदोलन कर रही है, इसकी कड़ी में है कांग्रेस ने बाबा साहब की जन्मस्थली महू में एक बड़ी रैली करने का फैसला किया है इस रैली को लेकर इन दिनों मध्य प्रदेश में सियासी पारा हाई है अब प्रशासन की अनुमति ने नया बवाल कर दिया है।

प्रशासन ने 8 शर्तों के साथ दी सभा की अनुमति  

इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से 27 जनवरी को महू में राहुल गांधी की रैली के लिए अनुमति देने के लिए आवेदन दिया जिसपर एसडीएम महू ने संबंधित मैदान पर सभा के लिए पीडब्ल्यूडी, वेटनरी कॉलेज और स्थानीय पुलिस से अनापत्ति मांगकर सशर्त अनुमति दे दी।

प्रशासन की एक शर्त पर गरमाई सियासत  

प्रशासन ने सशर्त अनुमति में 8 बिंदु गिनाये लेकिन इसमें से एक बिंदु पर सियासत गरमा गई है, प्रशासन ने कार्यक्रम ने राजनीतिक और धार्मिक भाषण देने पर रोक लगाई है, कांग्रेस ने इसपर आपत्ति जताई है, कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने प्रशासन के अनुमति पत्र को X पर पोस्ट करते हुए भाजपा सरकार पर तंज कसा है।

कांग्रेस बोली, जिसे रोकना हो रोक लीजिएगा

केके मिश्रा ने लिखा- जय बापू, जय भीम, जय संविधान अभियान की महू में होने वाली समापन रैली में हिस्सा लेने वाले नेता भाषण क्या दें, यह तय क्या इंदौर का प्रशासन करेगा? भाषण पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी प्रशासनिक फ़रमान जारी कर संघ के इशारे पर चलने वाली भाजपा प्रदेश सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि बाबा साहब द्वारा संविधान के माध्यम से दिये गये अभिव्यक्ति के अधिकार को भी वह छीन लेना चाहती है, कांग्रेस पार्टी इस निर्णय का पुरजोर विरोध करती है। जिसे रोकना हो रोक लीजिएगा ,सावरकर और गोलवलकर की फ़ासिस्टी विचारधारा द्वारा आम्बेडकर जी के अनुयायियों पर किया गया ये हमला नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है, उन्होंने इसे चमचागिरी की प्रशासनिक इंतिहा बताया।

ये है प्रशासन की सशर्त अनुमति 

महू में कांग्रेस को सभा के लिए सशर्त अनुमति, नहीं हो सकेंगे राहुल, प्रियंका, खड़गे के भाषण, कांग्रेस ने साधा निशाना


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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