इंदौर के ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल के डॉक्टर्स विवाद के बनी संघर्ष समिति

इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर के ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल प्रबंधन की मुश्किलें अब और भी बढ़ गई है। दरअसल, इंदौर के इतिहास में पहली बार किसी निजी अस्पताल के डॉक्टर्स व कर्मचारियों ने मिलकर एक संघर्ष समिति बनाई है। इसी समिति का नाम ग्रेटर कैलाश संघर्ष समिति रखा गया है जो इन दिनों अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लामबंद होकर विरोध जता रही है।

बता दे कि बीते माह शहर के पलासिया थाना क्षेत्र में स्थित ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉक्टर अनिल बंडी और सलाहकार डॉ. विवेक श्रीवास्तव के बीच विवाद इतना बढ़ गया था मामला प्रबंधक के कैबिन से होकर सार्वजिनक तौर पर बाहर आ गया था। ये विवाद शहर के पलासिया थाने तक पहुंचा था लेकिन डॉ. विवेक श्रीवास्तव की शिकायत पर प्रकरण दर्ज हुआ था लेकिन बाद में पुलिस ने शिकायत, झूठी मानकर अस्वीकार कर दी थी। इसके बाद से अन्य डॉक्टर्स और कर्मचारी लामबन्द हुए और उन्होंने ग्रेटर कैलाश डॉक्टर एंड हॉस्पिटल स्टॉफ वेलफेयर समिति के जरिये विरोध जताना शुरू कर दिया है। शनिवार को मीडिया से मुखातिब हुए समिति के सदस्यों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर अनिल बंडी पर कई गम्भीर आरोप लगाए। समिति ने विवाद की वजह साफ कर आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने प्रायोजित माध्यम के जरिये विवाद को तोड़ मरोड़कर कर सार्वजनिक किया था और प्रबंधन ने चिकित्सा संकाय की छवि धूमिल करते हुए डॉक्टरो को दलाल, भेड़िया और डाकू जैसे संबोधन दिए थे।


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Pooja Khodani

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