इंदौर|आकाश धोलपुरे| भाजपा की तरफ से महाराष्ट्र में अपने चुनावी घोषणापत्र में वीर सावरकार को भारत रत्न देने की मांग को लेकर हो रही देश भर में बहस छिड़ी हुई है, इस बीच मध्य प्रदेश में इसको लेकर सियासत तेज हो गई है| इंदौर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार सुबह ऐसा हंगामा खड़ा कर दिया कि उन्ही की सरकार के अधिकारियों ने उन्हें बेदखल कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। दरअसल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदौर के रीगल तिराहे स्थित गांधी प्रतिमा पर अनाधिकृत तरीके से पोस्टर लगाकर वीर सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध किया। इसके लिए बकायदा कांग्रेसियो ने भारत माता का पोस्टर लगाकर भारत माता और महात्मा गांधी से बीजेपी सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।
पोस्टर में संदेश लिखा था कि गोड़से समर्थक बीजेपी गांधी की हत्या में शामिल सावरकर को भारत रत्न दिया जा रहा है जो कि बापू का अपमान है। हालांकि कांग्रेस के विरोध के दौरान शहर को पोस्टर मुक्त रखने वाली निगम के अधिकारी भी पहुंच गए और उन्होंने विवादित पोस्टर को हटाने की कवायद शुरू कर दी। इस दौरान कांग्रेसियो का विवाद निगम अधिकारियों से जमकर हुआ और हंगामा खड़ा हो गया | आखिरकार कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खण्डेलवाल को निगम के आगे नतमस्तक होना पड़ा और निगम अधिकारियों ने विवादित पोस्टर हटा दिया।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खण्डेलवाल ने मोदी सरकार पर हमला किया और कहा कि गोड़से समर्थक, सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध आगे भी जारी रहेगा क्योंकि सावरकर उन 8 लोगो मे शामिल है जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का षड्यंत्र रचा था। वही इस पूरे मामले में सवाल ये भी उठ रहा है लाख कांग्रेसी सावरकर विरोधी हो लेकिन अपनी ही सरकार में उनके ही अधिकारी उन्हें जमीन बता रहे है | इस दौरान पोस्टर लगाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं से निगम कर्मियों की जमकर झड़प भी हुई। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निगम कर्मियों को यह कहकर धमकाया कि अब प्रदेश में सरकार हमारी है, तुम हमें पोस्टर लगाने से नहीं रोक सकते। पोस्टर लगाने वाले कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल का कहना है कि भाजपा मुंह मे राम और बगल में छुरा की कहावत को चरितार्थ करती आई है।