इंदौर में बुजुर्गों के अपमान पर कांग्रेस का हल्ला बोल, निगमायुक्त प्रतिभा पाल को हटाने की मांग

इंदौर, आकाश धोलपुरे| मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) की धार्मिक नगरी इंदौर (Indore) में पिछले शुक्रवार को निगमकर्मियों द्वारा बेसहारा बुजुर्गों को निगम के अतिक्रमण वाहन में जानवरों की तरह भरकर निगम के सीमा के बाहर छोड़ने का प्रयास किया गया था। लेकिन ग्रामीणों ने निगमकर्मियों और उच्च अधिकारियों के निर्देशों के तहत किये जा रहे काले काम का पर्दाफाश वीडियो बनाकर कर दिया था और निगम को वापस बुजुर्गों को शहर में लाना पड़ा था।

इधर, इस मामले को लेकर कांग्रेस (Congress) ने पहले दिन से विरोध करना शुरू कर दिया था और मंगलवार को तो कांग्रेस ने संभागायुक्त कार्यालय पर हल्ला बोल दिया। इस दौरान, कांग्रेस के बड़े नेता और महिला व युवा कार्यकर्ताओ ने नारेबाजी कर जमकर प्रदेश सरकार और निगम प्रशासन का विरोध किया। विरोध करने वाले कांग्रेसियो की अगुआई पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल सहित कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने की।

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इस मामले में निगम आयुक्त को जिम्मेदार ठहराते हुए निगम आयुक्त को हटाने की मांग भी की है। पटवारी ने कहा की शर्मनाक घटना सामने आने के बाद समूचे विश्व मे इंदौर की बदनामी हुई है। इंदौर में बुजुर्गाें के साथ जो अमानवीय हरकत हुई है, वह बहुत ही निंदनीय है। वही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा इस मामले को लेकर ये कहने पर कि अध्याय खत्म हो गया है पर आपत्ति लेते जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार को आगे आकर कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन अधिकारियों को बचाने के प्रयास किये जा रहे है।उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को पशुओं की तरह खोज-खोजकर गाड़ी में ठूसना इनता ही नहीं उन्हें जंगल में ले जाकर धक्का देकर छोड़ा जाना बेहद शर्मसार कर देने वाला है अभी भी 12 बुजुर्ग गायब हैं उन्हें कहां छोड़ा गया है वे किस हाल में हैं किसी को पता नहीं है। निगम – प्रशासन और सरकार उनका जल्द पता लगाए क्योंकि इस घटना से समूचा देश आहत है।

कांतिलाल भूरिया ने उठाई ये मांग
प्रदेश में बुजुर्गों के साथ हर शहर में इंदौर की ही तरह सरकार व्यवहार कर रही है जबकि जीवन के आखरी पड़ाव पर सरकार को बुजुर्गों पर खास तौर पर उन बुजुर्गों पर ध्यान देना चाहिए जो बेघर हो गए। भूरिया ने राज्यपाल और राष्ट्रपति से मांग कर कहा कि सरकार ऐसे बुजुर्गों को सरकारी संपत्ति घोषित करे उनकी देखभाल करे।

कांग्रेस ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर बुजुर्गो की सुरक्षा सहित अन्य मांगों के साथ निगम आयुक्त को हटाने की मांग की है। इधर, संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के ज्ञापन को राज्यपाल तक पहुंचा दिया जाएगा। वही उन्होंने कहा कि घटना के बाद प्रशासन सजग है और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्रशासन द्वारा काम शुरू किया जा चुका है वही लापता बुजुर्गो के मामले में संभागायुक्त के पास कोई जबाव नही था लिहाजा उन्होंने जांच की बात का आश्वासन देकर बात को टाल दिया।

इधर, इस पूरे मामले में निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस ने घेराबंदी शुरू कर दी है और मांग की है कि निगमायुक्त को बर्खास्त किया जाए ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। वही इस पूरे मामले को लेकर सवाल उठ भी रहे है आखिर निगमायुक्त को सरकार क्यों नही जिम्मेदार मान रही है और क्यों उन पर कार्रवाई नही की जा रही है ये सवाल अब मीडिया, राजनैतिक दल और आम जनता भी उठा रही है।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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