इंदौर।आकाश धोलपुरे।
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में अनलॉक 1.0 में कोरोना को लेकर तमाम नियमो को लागू किया गया है ताकि शहर कोरोना मुक्ति की और बढ़ सके। दरअसल, जिला प्रशासन द्वारा कई छूटो के साथ शहर को खोला गया है लेकिन कुछ शर्तें भी जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए लागू की गई है जिसके चलते स्पॉट फाइन के जरिये लोगो द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर नकेल कसी जा सके।
मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेसिंग सहित अन्य निर्देशो का पालन न करने वाले लोगो पर तो अब तक इंदौर में निगमकर्मचारियो द्वारा कई जगहो पर स्पॉट फाइन की कार्रवाई की है वही दूसरी तरफ व्यापारिक प्रतिष्ठानो पर भी नियमो की अनदेखी के मामले सामने आए है जिन पर निगमकर्मियों ने स्पॉट फाइन वसूला है लेकिन इंदौर में आज एक डॉक्टर को भी नियमो की अनदेखी पर निगम की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। दरअसल, इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज के बाहर लगे लीटर बिन पर कचरे के ढेर में क्लीनिक का कचरा डाला गया था जिसके बाद हरकत में आई निगम की टीम ने जांच की तो पता चला कि क्षेत्र के स्टेट लाइट बिल्डिंग में स्थित डॉक्टर मलय कुमुट के क्लिनिक का कचरा निगम द्वारा लगाये गए लीटर बिन में है। जबकि निगम के कचरा संग्रहण को लेकर साफ निर्देश है कि घर, कार्यालय और दुकानों के कचरे को कचरा संग्रहण करने वाले वाहन को दिया जाए लेकिन डॉक्टर द्वारा ऐसा नही किया लिहाजा निगम की टीम ने स्पॉट पर बुलाकर डॉक्टर को पहले कचरा दिखाया और फिर 25 हजार का स्पॉट फाइन वसूला।
25 हजार का ये स्पॉट फाइन इसलिए भी चर्चाओं में है क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जनता को जागरूक करने वाले चिकित्सक ही खुद लापरवाह बने हुए है ऐसे में किसी और से उम्मीद करना बेमानी लगता है। मेडिकल वेस्ट को लीटर बिन में फेंककर फंसे डॉक्टर पर नगर निगम ने 25 हजार का जुर्माना वसूला है। निगम की टीम को लीटर बिन में मेडिकल वेस्ट के साथ मिली चिकित्सकीय परामर्श पर्ची से पता चला जिसके बाद निगम की टीम डॉक्टर दंपत्ति के घर पहुंची और जुर्माना वसूला। फिलहाल, डॉक्टर्स पर कार्रवाई का ये दूसरा मामला है और अब निगम खास तौर पर शहर भर में लीटर बिन के कचरे पर निगाह रखे हुए है ताकि कोरोना काल मे किसी लापरवाही दूसरो के लिए मुश्किलें न पैदा कर दे।