इंदौर, आकाश धोलपुरे| प्रदेश के धार्मिक शहर इंदौर में हर साल की तरह इस साल भी विजयादशमी (Vijaydashmi) के पर्व की धूम तो है लेकिन इस वर्ष एक अदृश्य वायरस ने इस पर्व का मजा कम कर दिया है। बता दे कि इंदौर (Indore) के प्रसिद्ध दशहरा मैदान (Dussehra Ground) पर इस वर्ष याने की साल 2020 में दशकों पुरानी के परंपरा टूट गयी है। दरअसल, हर साल जहां लाखो लोगो की मौजूदगी में ठीक 7 बजे 111 फीट के रावण (Ravan) मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले सहित लंका का दहन किया जाता था। लेकिन इस वर्ष कोविड – 19 के संकट ने रावण के कद को कम कर दिया है वही लंका सहित कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले गायब रहेंगे।
इधर, होलकरकालीन पारंपरिक राम रथ यात्रा भी इस वर्ष नही निकाली जायेगी और आतिशबाजी का शोर भी कम रहेगा क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन इंदौर में किया जा रहा है ताकि कोरोना संक्रमण न फैले। ऐसे में परम्परा को टूटने नही देने के चलते दशहरा महोत्सव समिति एतियाहति इंतजामो के साथ पर्व को मनाने का निर्णय लिया है जिसके चलते इस वर्ष महज 21 फीट का रावण जलाया जाएगा। इसके अलावा न कोई मंच होगा और ना ही कोई हाथी होगा। बस भगवान राम के प्रतीक के रूप में एक भक्त के जरिये रावण का दहन कराया जाएगा। हम आपको पिछले साल के रावण और इस साल के रावण के अंतर को दिखाने के लिए ये तस्वीर सामने रख रहे है जिससे ये साफ हो रहा है कि कोरोना ने न सिर्फ आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है बल्कि बुराई के प्रतीक को भी बौना करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी है। दशहरा महोत्सव समिति के सदस्य और कलाकार हीरालाल सलवाडिया ने बताया कि इस साल लोगो की भीड़ एकत्रित न हो इसलिए 21 फीट का रावण दहन किया जा रहा है। ठीक शाम को 7 बजे आज रावण दहन किया जाएगा लिहाजा, इसके पहले लोगो ने बौने रावण को निहारा और ये माना कि कोरोना काल के चलते परेशानी आई है इसी के चलते हर वर्ष के मुकाबले इस वर्ष उत्साह में कमी है।
इधर, शहर के कई इलाकों में लोगो द्वारा खुद बाजार से खरीदकर रावण लाये जा रहे है ताकि वो इस पर्व को सेलिब्रेट कर सके। वही प्रशासन और निगम कि टीम भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के साथ ही अन्नपूर्णा रोड़ पर लगने वाले मेले को नही लगाने के निर्देश दे रही है ताकि सोशल गेदरिंग न हो और परंपरा भी कायम रहे।