इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायी भर्ती कराने की मांग को लेकर लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया। आज नेट, सेट एवं पीएचडी धारियों ने प्रदर्शन किया और प्रदेश में सहायक प्राध्यापक भर्ती 2022 हेतु विज्ञप्ति जारी कराने को लेकर आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा।
बता दें कि पिछले कई सालों से सरकारी कॉलेजों में स्ठायी असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती नहीं हुई है और प्रदेश में हजारों नेट/सेट एवं पीएचडी होल्डर शिक्षित युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी काफी समय से इनकी भर्ती की बात कर रहे हैं लेकिन अब तक इसे लेकर कोई विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है। इससे आक्रोशित अभ्यार्थियों ने लोक सेवा आयोग कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया।
इन्होने आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा और कहा कि एक तरफ शासन नई शिक्षा नीति 2020 लागू कर रहा है और दूसरी तरफ अतिथि विद्वानों से शासकीय कॉलेजों में अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। ज्ञापन में अधिकतम रिक्त पदों पर स्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के साथ-साथ प्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता देने की मांग भी की गई है। इसी के साथ इन्होने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द विज्ञप्ति जारी नहीं होती है तब वो भोपाल पहुंचकर उच्च शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री के बंगले का घेराव करेंगे। ज्ञापन पत्र सौंपने वालों में प्रमुख रूप से डॉ.देवेन्द्र बघेल, डॉ. निल सिंह चौहान, डॉ.जितेन्द्र अवास्या, डॉ.स्वराज पाल, डॉ.रेणुका खोवाल, डॉ.इंदु डुडवे, डॉ.संगीता, डॉ.अनिल कुमार बामनिया, डॉ.रितु सिंह चौहान, शिवराज सिंह, जितेंद्र सिंह, पुष्पा भानदरे, संगीता कनेश, रामकोर भाबर, बिरज मुवेल, डॉ रेखा पवार, संतोषी मुवेल, हेमलता बामनिया, देवेंद्र सिंह, भगत सिंह डाबर सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।