इंदौर| आकाश धोलपुरे| पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में चल रहे टाइगर पॉलिटिक्स पर इंदौर में कहा कि शेर का तो हमेशा एक कैरेक्टर रहता है कि जंगल मे एक ही शेर रहता है लेकिन मंत्रिमंडल के गठन के बाद भाजपा में कई जो नेता छूट गए है वह अब शेर बने हुए है। प्रदेश में चल रही टाइगर सियासत पर दिग्गी ने अपने ही अंदाज में प्रदेश सरकार पर तंज भी कस डाला।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में 14 लोग ऐसे है जो विधायक नही है इनमें से जो जीतेंगे या हारेंगे उसके बाद ही तय हो पायेगा फिलहाल, ये अंतरिम मंत्रिमंडल है। वही इंदौर से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला को मंत्री न बनाये जाने पर दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि मेंदोला जी वर्ष 2013 और 2018 में प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले विधायक रहे है और वो लोकप्रिय भी है लेकिन शायद शिवराज सिंह चौहान को कैलाश विजयवर्गीय पसन्द नही है। वही प्रदेश की भाजपा सरकार के भविष्य पर दिग्गी राजा ने कहा कि सितम्बर तक उपचुनाव से पहले तो यह लूली लँगड़ी सरकार है लेकिन आगे देखते है क्या होता है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भाजपा और शिवराज के खिलाफ चुनाव के पहले 2018 में दिए गए बयानों को कांग्रेस पार्टी उपचुनाव में हथियार बनाएगी। वही उन्होंने प्रदेश में अवैध खनन मामले को लेकर सीएम शिवराज पर सीधे सवाल उठाते हुए कहा शिवराज सरकार आने के बाद प्रदेश में अवैध रेत खनन फिर से शुरू हो गया है और शिवराज अवैध खनन के बादशाह है और प्रदेश में जितना अवैध खनन होता है वो सब सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में होता है। उन्होंने बताया कि मुझे पता चला है कि जो ट्रक पहले 18 हजार रुपए का आता था आज वो 90 हजार में आ रहा है।
कोरोना वायरस मामले में केंद्र स्तर पर हुई भूल
इधर, कोरोना संकट पर दिग्विजय ने साफ कहा कि प्रदेश में उस वक्त कमलनाथ सरकार ने केरल में आये पहले मामले के बाद से ही काम करना शुरू कर दिया था। पीपीई किट्स खरीदना, सप्लाय करना, ग्लब्ज उपलब्ध करवाना और हर तरह की सुविधा की लिए कमलनाथ जी बैठके लेना शुरू कर दी थी। उन्होंने आईफा आयोजन भी रद्द कर दिया था और जितने कदम उठाने थे वो सब उठा लिये गए थे। कांग्रेस के दिग्गत नेता दिग्विजयसिंह ने देश मे फैली कोरोना माहमारी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जो विदेशों से कोरोना के पॉजिटिव केसेस आये उनकी जांच पड़ताल नही की गई। जबकि चायना के बगल के ताईवान और कोरिया ने अंतराष्ट्रीय यात्रा पर बंदिश लगा दी थी जबकि हमारे देश मे नही लगी, यहां नमस्ते ट्रंप रहा था खुलेआम लोगो आ रहे थे यदि उस समय रोक लगा देते तो दिक्कत नही होती। साथ ही लॉक डाउन लगाने से पहले 5 से 6 दिन का समय दे दिया होता तो न डेढ़ से दो करोड़ मजदूरों को परेशानी होती और ना ही अन्य लोगो को।