इंदौर,आकाश धोलपुरे
महाराष्ट्र के उल्ल्हास नगर का रहने वाला सटोरिया और शराब तस्कर की तलाश में 5 राज्य की पुलिस ही नही बल्कि सरकार भी जुटी हुई है। दाऊद गैंग से जुड़े के होने के आरोप जिस पर लगते आये हैं वो अनिल भगवान दास जयसिंघानी अब मध्यप्रदेश सरकार के लिए भी बड़ा सरदर्द बन चुका है।
दरअसल, सरकार के दो काबिल आबकारी अधिकारियों पर आरोप लग रहे है कि उन्होंने सटोरिये को पकड़वाने की बजाय उसकी मदद कर उसका साथ दिया है। इस मामले के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुये हैं और मामले में की शिकायत पर केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियां और इंटेलिजेंस भी सक्रिय हो चला है। मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक अलीराजपुर में पदस्थ आबकारी अधिकारी और पूर्व में इंदौर में पदस्थ भोपाल में बैठे बड़े आबकारी अधिकारी की संलिप्तता सामने आ रही है जिसमे सटोरिये और शराब तस्कर से बड़ी सेटिंग के आरोप लग रहे हैं।
वर्ष 2015 आईपीएल के स्पॉट फ़िक्सिंग के मुख्य आरोपी, मोस्ट वांटेड, सट्टा किंग (बुकी) और शराब तस्कर अनिल जयसिंघानी की तलाश मध्यप्रदेश सहित पाँच राज्यों गोवा, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक की पुलिस को तलाश है। हैरानी की बात ये भी सामने आ रही है कि फरार आरोपी फरारी के दौरान मध्यप्रदेश के दो आबकारी अफसरों से बार बात भी करता है और शासकीय आवास और होटल में भी मिलता था और आरोप ये है कि दोनों आबकारी अफसर, पुलिस को वांटेड फरार आरोपी की सूचना देने की बजाय उसकी मदद करते रहे।
फिलहाल, मीडिया में मामला सामने आते ही अब दोनों आबकारी अधिकारियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि यदि अधिकारियों पर लगे आरोपो में सच्चाई निकलती है तो सरकार दोनों पर किस तरह का एक्शन लेती है। क्या दोनों अधिकारियों को भी सटोरिये के साथ सह आरोपी बनाया जाएगा। फिलहाल, प्रदेश में ये मामला गरमाया हुआ है और अब इस मामले में अब सरकार पर भी दबाव है क्योंकि आरोप सरकारी नुमाइंदों पर लग रहे हैं।