इंदौर, आकाश धोलपुरे। एक तरफ इंदौर में ताजिया जुलूस पर उठे सवाल तो दूसरी और कांग्रेस द्वारा भीड़ एकत्रित कर पूर्व राष्ट्रपति की श्रद्धांजलि सभा से मचा बवाल। जी हां उपचुनाव के एपिसेंटर बने इंदौर व उसकी सांवेर विधानसभा में इस समय माहौल गरम है। एक तरफ हर रोज कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे है, दूसरी तरफ राजनीतिक रूप से इंदौर में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। वही प्रशासन के लिए भी सीएम शिवराज के बयान नियम सबके लिए एक जैसे लागू होने चाहिए वाली बात अब किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
इसी का परिणाम है कि सांवेर में इंदौर में ताजिया मामले में 10 से अधिक लोगों पर कार्रवाई की गई तो दूसरी ओर सांवेर में 34 कांग्रेसियों पर FIR दर्ज की गई और उनकी सामूहिक गिरफ्तारी भी ली गई। इधर, अब सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वाली धार्मिक यात्रा पर भी सवाल खड़े हो गए थे, जिसके बाद सांवेर पुलिस ने बीजेपी के जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर, भगवान सिंह परमार और धरमपुरी क्षेत्र में सुभाष चौधरी और विनोद चंदानी पर धारा 188 के तहत कलश यात्रा को लेकर कायमी की है।
बीजेपी जिला अध्यक्ष सहित कुल 4 लोगों पर हुई FIR के बाद ये बात तो सामने आ रही है कि बिना किसी कोविड – 19 के दिशा निर्देशो के नियमों की अवहेलना राजनीतिक दलों से जुड़े नेता ही कर रहे है। वही इधर, सांवेर के पूर्व विधायक और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट अभी भी पीएम मोदी के दिशा निर्देशों का हवाला दे रहे है और कलश यात्रा को धार्मिक आस्था से जोड़कर ये बता रहे है कि वो तो गांव के गांव में ही निकल रही है। मंत्रीजी की बातों से ये लग रहा है कि यदि आप इंदौर से हटकर किसी ग्रामीण इलाके में समूह बनाकर किसी भी आयोजन में शामिल होते है तो कोरोना का कोई खतरा नहीं फिर भले ही आप जरूरी दिशा निर्देशों का पालन न करे।
फिलहाल, कोरोना और उपचुनाव की राजनीति के बीच अब सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और अन्य नियमों का पालन करना महज एक दिखावा ही लग रहा है और इसी का परिणाम है संक्रमण तेजी से फैल रहा है और अब इसकी चैन को रोकने के लिए इंदौर को राजगढ़ की तर्ज पर स्वेच्छा से लॉक डाउन करने की आवश्यकता आन पड़ी है।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।