शहर में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं इस दौरान एक भयभीत करने वाली घटना सामने आई है। दरअसल 15 वर्षीय एक छात्र की डेंगू से मौत हो गई, जिसकी पुष्टि प्रशासन ने 15 दिन बाद की है। जानकारी के अनुसार छात्र की स्थिति गंभीर थी, और अस्पताल में भर्ती होने के कुछ ही घंटों बाद छात्र ने दम तोड़ दिया।
दरअसल इस घटना के सामने आने के बाद शहर में डर का माहौल फैल गया है, क्योंकि डेंगू से यह पहली मौत सामने आई है। वहीं छात्र के परिवार का कहना है कि वह पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन अचानक तबियत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
जानिए क्या है परिजनों का कहना?
वहीं परिजनों के मुताबिक 17 अगस्त तक छात्र पूरी तरह ठीक था, छात्र की तबियत बिल्कुल ठीक थी और उसे केवल मामूली बुखार था। वहीं उस समय साधारण दवाइयां दी गईं, जिससे बुखार थोड़ा कम हुआ। दरअसल पिता ने बताया कि वह बाहर भी गया था और उसकी तबियत सामान्य थी। लेकिन 18 अगस्त को अचानक उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
भर्ती होने के कुछ ही घंटों बाद छात्र ने दम तोड़ दिया
दरअसल अस्पताल में बेड न मिलने की वजह से परिवार को दूसरे अस्पताल जाने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं अगले दिन जब उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब तक उसकी हालत और भी खराब हो चुकी थी। परिजनों का कहना है कि भर्ती होने के कुछ ही घंटों बाद छात्र ने दम तोड़ दिया।
रिपोर्ट में छात्र के डेंगू से संक्रमित होने की पुष्टि
वहीं मलेरिया विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छात्र की मौत की सूचना उन्हें 29 अगस्त को मिली। इसके बाद सैंपल को डेंगू की पुष्टि के लिए सरकारी लैब में मेकएलाइजा (Mac-ELISA) टेस्ट हेतु भेजा गया था। जिसके बाद 3 सितंबर को आई रिपोर्ट में छात्र के डेंगू से संक्रमित होने की पुष्टि पाई गई। वहीं विभाग के अनुसार, जांच प्रक्रिया और रिपोर्ट मिलने में देरी के कारण मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि में 15 दिन लग गए। इस दौरान, परिवार और प्रशासन के बीच असंतोष और तनाव का माहौल बना रहा।