Mon, Dec 29, 2025

मस्टरकर्मी से सहायक राजस्व अधिकारी तक की नौकरी में बना ली करोड़ों की संपत्ति! इंदौर EOW ने मारा छापा, दस्तावेज खंगाले

Written by:Atul Saxena
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बताया जा रहा है कि राजेश परमार एक दबंग अफसर है वे अपनी कार्यशैली के लिए भी बहुत चर्चित हैं, निगम के गलियारों में चर्चा होती रहती है कि राजेश परमार को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है इसलिए वे बेलदार से सहायक राजस्व अधिकारी के पद तक पहुंच गए ।
मस्टरकर्मी से सहायक राजस्व अधिकारी तक की नौकरी में बना ली करोड़ों की संपत्ति! इंदौर EOW ने मारा छापा, दस्तावेज खंगाले

Indore EOW raid: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) इंदौर ने नगर निगम के निलंबित सहायक राजस्व अधिकारी के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की है, आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक शिकायत की जाँच के बाद EOW ने कल ही अपराध पंजीबद्ध किया था और आज तड़के दो ठिकानों पर दो अलग अलग टीमों ने छापा मार दिया, छापे में टीम को कई संपत्तियों के दस्तावेज मिले है, टीमें ज्वेलरी, बैंक खाते सहित अन्य खातों की जानकारी इकट्ठा कर रही है।

इंदौर नगर निगम के निलंबित सहायक राजस्व अधिकारी राजेश परमार के घर आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे जब पुलिस के साथ कुछ अधिकारी पहुंचे और उन्होंने घंटी बजाई तो वे चौंक गए, टीम ने अपना परिचय दिया और फिर दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया, जब छापा मारा गया तब राजेश परमार उनकी पत्नी और बेटी घर पर थे।

37 साल की नौकरी में बेलदार से ARO बन जुटाई काली कमाई 

छापे को लीड कर रही डीएसपी मधुर वीना गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि राजेश परमार 1988 में मस्टरकर्मी (बेलदार) के पद पर ज्वाइन हुए थे और धीरे धीरे सहायक राजस्व अधिकारी के पद तक पहुंच गए , बताया जा रहा है कि इन 37 साल की नौकरी में राजेश परमार ने अच्छी खासी काली कमाई जुटा ली है।

करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज, जेवर, कैश की जानकारी मिली 

ईओडब्ल्यू की टीम ने ARO राजेश परमार के दो ठिकानों बीजालपुर स्थित घर और बिचौली में उनके फ्लेट पर एक साथ कार्रवाई की शुरूआती जांच में 5 से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज, नगदी और जेवरात बरामद हुए हैं, अनुमान है कि जो दस्तावेज मिले है वो कई करोड़ रुपये की सम्पति के हैं।

अभी निलंबित चल रहे हैं, पहले भी हो चुके हैं निलंबित 

कुछ दिन पहले नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने राजेश परमार को टैक्स वसूली और सीएम हेल्पलाइन मामलों में गड़बड़ी के आरोपों के चलते 10 फरवरी को उन्हें नोटिस जारी किया था इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया था। तब ये जोन 16 में पदस्थ था बताया जा रहा है कि जब राजेश परमार जोन 8 में पदस्थ थे तब तत्कालीन अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य के विरुद्ध नारेबाजी करने और अभद्रता करने के आरोप में भी उन्हें निलंबित किया गया था, डीएसपी का कहना है कि दस्तावेजों की जाँच के बाद ही मालूम चलेगा कि राजेश परमार ने कितने प्रतिशत आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट