इंदौर शहर में बरसात से त्राहिमाम, मूसलाधार बारिश में दर्जनों गाडियां बहीं, महापौर ने संभाला मोर्चा

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के रहवासी इस समय बरसात की वजह से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। शहर की सड़कें पूरी तरह जलमग्न है और शहर का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। आज शाम हुई मूसलाधार बारिश ने इस कदर शहर पर अपना कहर बरपाया कि जिसने भी उस मंजर को देखा सर पकड़ कर बैठ गया। पानी के बहाव में खिलौनों की तरह बहती चार पहिया गाड़ियां और जान बचाकर निकलते मोटरसाइकिल सवार मानो दोनों हाथ जोड़े इंद्र देवता से बारिश बंद करने की गुहार कर रहे थे।

शहर के अलग-अलग हिस्सों से लोगों ने सोशल मीडिया पर बारिश से हुई तबाही के वीडियो शेयर किए। एक वीडियो प्रजापत नगर राम मंदिर का है जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह चार पहिया वाहन पानी के बहाव में बहते हुए चले जा रहे हैं। वही दूसरा वीडियो इंदौर के ट्रेजर टाउन के आसपास के जल भराव का है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह एक कार चालक तेज बहाव पानी में से अपनी कार निकालने की कोशिश करता है, लेकिन पानी की गति ज्यादा होने की वजह से कार पानी में बहने लगती है और कुछ दूर जाकर पलट जाती है। हालांकि यह लोग सुरक्षित कार से निकल गए और उनकी जान बच गई।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।