Indore News Hindi: इंदौर में एक बार फिर शांति और सद्भावना को बिगाड़ने का काम होते हुए देखा गया है। यहां के बंबई बाजार में वर्ग विशेष के कुछ लोगों के द्वारा एक हिंदू महिला के साथ उसके पति और बेटी पर हमला करने का मामला सामने आया है। कहासुनी से शुरू हुआ यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि मारपीट पर पहुंच गया और कई लोगों को चोट आई है।
इन सबके बीच हैरान कर देने वाली बात यह रही कि पास में ही पुलिस चौकी मौजूद थी लेकिन वहां पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं था, जो इस विवाद को शांत करवा सके और दोनों पक्षों को अलग कर सके। हिंदू संगठनों को जब घटना की जानकारी लगी तो बड़ी संख्या में लोग सराफा थाने पहुंची और घेराव करते हुए नारेबाजी करते दिखाई दिए।
नहीं पहुंची Indore पुलिस
इतना हंगामा मचने के बावजूद भी काफी देर तक पुलिस अधिकारी थाने नहीं पहुंचे। जिससे वहां मौजूद लोग आक्रोशित होते दिखाई दिए। बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठन के लोग सराफा थाने पर इकट्ठा हुए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते दिखाई दिए।
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मामले सूचना मिलने पर क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय और भाजपा उपाध्यक्ष एकलव्य सिंह गौड़ भी सराफा थाने पहुंच गए। उनके थाने में मौजूद होने के बावजूद भी बाहर लोगों का हंगामा लगातार जारी था। जब विजयवर्गीय थाने पर पहुंचे तब जाकर वहां पर पुलिसकर्मी आए और दोनों पक्षों की फरियाद सुनी गई। इसके बाद पुलिस ने हथियार निकालने वाले दुकानदार के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ दूसरे पक्ष की शिकायत भी दर्ज की है।
ऐसे हुआ झगड़ा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना गाड़ी अड्डा की रहने वाली एक महिला और उनके परिवार के साथ हुई है। महिला अपनी बहन और बेटी के साथ शॉपिंग करने के लिए पहुंची थी। यहां पर बंबई बाजार पुलिस चौकी के सामने सांठा बाजार के बाहर तीनों ऑटो से उतरे।
ऑटो से उतरी बच्ची का पैर सड़क पर पड़े एक बैनर पर रखा गया और इस बात से गुस्साए दुकानदार ने बच्ची का हाथ पकड़कर खींचा और उसे चांटा मार दिया। मां को जब बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी तो उसने इसका विरोध किया। इस पर चांटा मारने वाले दुकानदार ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर बच्ची उसकी मां और मौसी पर डंडों से हमला करना शुरू कर दिया और अपशब्द भी कहे।
बात बढ़ती देख महिला ने अपने पति को सूचना दी और वह अपने दोस्त के साथ मौके पर पहुंचे तो आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया और आधे घंटे तक मौके पर वाद विवाद की स्थिति बनी रही। लेकिन इन सब के बीच जो ध्यान देने वाली बात थी वो ये रही की पुलिस चौकी के सामने विवाद होता रहा लेकिन पुलिस कर्मी वहां मौजूद नहीं थे।