पति-पत्नी का विवाद पुलिस थाने पहुंचा, ASI ने धाराएँ ना बढ़ाने मांगी रिश्वत, 10000 रुपये लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा

रिश्वतखोर एएसआई गोविन्द सिंह गिरवार ने बातचीत करने के लिए अनिल बारिया को मिलने के लिए बुलाया और कहा कि मुझे 20 हजार रुपये की रिश्वत दो तो मैं तुम्हारी एफआईआर कमजोर कर दूंगा उसमें धाराएँ कम कर दूंगा।

Atul Saxena
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Lokayukta Action : इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने एक रिश्वतखोर पुलिसकर्मी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है , पुलिसकर्मी ने एक प्रकरण में धाराएँ नहीं बढ़ाने के बदले रिश्वत की मांग की थी , शिकायत के बाद लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया जिसमें ASI फंस गया।

लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद के निर्देश पर लोकायुक्त की टीमें बहुत एक्टिव हैं कोई भी शिकायत आते ही उसकी सत्यता की जाँच कर वहां ट्रेप प्लान कर भष्टाचारी को रंगे हाथ पकड़ लेते हैं, ऐसी ही एक कार्रवाई इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आज महू में की।

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लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चन्द्र पटेल के मुताबिक आवदेक अनिल बारिया निवासी ग्राम बसीपीपरी तहसील महू जिला इंदौर ने एक शिकायत कार्यालय में की थी जिसमें उसने पुलिस थाने में दर्ज पत्नी के साथ उसके विवाद के प्रकरण में धाराएँ नहीं बढ़ाने के बदले कार्यवाहक ASI  गोविन्द सिंह गिरवार द्वारा रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया था।

आवेदक अनिल बारिया ने आवेदन में लिखा, 21 जनवरी 2025 को उसका पत्नी रेखाबाई से किसी बात पर विवाद हो गया था जिसकी शिकायत पत्नी ने पुलिस थाना बडगोंदा मे की थी जिसपर उसके विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है, प्रकरण की जांच गोविन्द सिंह गिरवार द्वारा की जा रही थी।

FIR को कमजोर करने पति से मांगी रिश्वत 

कार्यवाहक एएसआई गोविन्द सिंह गिरवार ने एफआईआर के संबंध में बातचीत करने के लिए गवली पलासिया स्थित शराब की दुकान पर मिलने बुलाया तथा बातचीत के दौरान एफआईआर कमजोर करने के एवज में आवेदक से 20,000/- रुपये रिश्वत की मांग की।

10000 रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ा गया ASI   

सत्यापन में शिकायत सही पाये जाने के बाद आज 25 फरवरी को ट्रेपदल का गठन किया गया और आरोपी ASI  को गवली पलासिया स्थित शराब की दुकान के सामने आवेदक से 10,000/- रुपये रिश्वत राशि लेते हुये रंगे हाथों पकड़ लिया । आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण की धारा 7 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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