इंदौर।आकाश धोलपुरे
जिस रवायत और एक दूसरे के प्रति सम्मान के लिए जाने, जाने वाले इंदौर में अब कुछ ऐसा हो रहा है कि यहां की जनता और जनप्रतिनिधि प्रशासन के खिलाफ लामबंद होते नजर आ रहे है। दरअसल, इंदौर में बुधवार को निगमकर्मियों द्वारा एक गरीब बेसहारा व्यक्ति विजय रायकवार और उसके साथ ठेले पर उसका हाथ बंटाने वाले बच्चो की एक नही सुनी और कोरोना के नाम फाइन वसूली के नाम पूरा ठेला ही पलटा दिया। इंदौर के पिपलियाहाना इलाके में हुई इस घटना के सोशल मीडिया से लेकर दोनों ही दलों के नेता और सामाजिक संगठनों ने मामले पर चिंता जताई और गरीब की मदद की। इसके बाद निगम अधिकारियों के होंश फाख्ता हो गए और आखिरकार निगमायुक्त ने मामले की जांच के आदेश भी दे दिए।
दिल को दहला देने वाली इस घटना के बाद इंदौर में कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने प्रशासन को जमकर कोसा और कहा कि कोरोना मामले में प्रशासन के पास कोई मास्टर प्लान नही और इसीलिए बर्दाश्त के बाहर प्रशासन की कार्रवाइयां सामने आ रही है। वही बीजेपी सांसद लालवानी के घोड़ी पर प्रचार करने वाले मामले पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार और प्रशासन के पास कोई स्पष्ट निति नही है। जीतू पटवारी और कांग्रेसजन पीड़ित ठेले वाले मुखिया और मासूमो से मिले और उन्होंने कहा कि हम कलेक्टर इंदौर से मिलने पहुंच गए है।
इधर, कांग्रेसी विधायकों के पार्टी छोड़कर बीजेपी के शामिल होने पर उन्होंने साफ किया कि कोई भी जनप्रतिनिधि यदि कांग्रेस छोड़कर जाता है तो कार्यकर्ता उससे अब सवाल जबाव करेंगे।