इंदौर, आकाश धोलपुरे
मशहूर शायर और इंदौर की बुलंद आवाज़, जिनके अंदाजे बयां की पूरी दुनिया कायल थी। वो आवाज़ जिसका आगाज एक नए अंदाज में 1972 में हुआ था, वो आवाज और वो अंदाज अब इस दुनिया को अलविदा कहकर हमेशा के रूखसत हो गई है। जी हाँ, हम बात कर रहे प्रसिद्ध फिल्मी गीतकार और उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी की जिनका निधन कोरोना के कारण मंगलवार को इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में हो गया है।
जैसे ही ये खबर शहर में फैली, इस खबर पर लोगो को विश्वास नहीं हुआ लेकिन ये सच है कि मंगलवार शाम को 5 बजे उन्होंने इस दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। जब इस बात की पुष्टि हो गई कि डॉ. राहत इंदौरी नहीं रहे तो कई सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का दौरा शुरू हो गया। दरअसल, इंदौर से एक अजीब जुड़ाव रखने वाले राहत इंदौरी वो शख्स है जिन्होंने इंदौर का नाम दुनिया के पटल पर मजबूती के साथ रखा। उनके निधन के अरविंदो हॉस्पिटल की रौनक गायब होती नजर आई वही दूसरी ओर उनके घर पर बिखरा सन्नाटा ये बताने के लिए काफी है कि नही रहे राहत साहब। 1 जनवरी 1950 को जन्मे राहत इंदौरी के निधन के बाद साहित्य जगत में शोक की लहर है।
अरविंदो हॉस्पिटल के डॉ. महक भंडारी ने बताया कि प्रसिद्ध शायर राहत इंदौरी का निधन हो गया है। वो अस्वस्थ होने के कारण 4-5 दिन से किसी प्रायवेट हॉस्पिटल में इलाज करा रहे थे। डेढ़ दिन पहले ही वो अरविंदो अस्पताल में आकर भर्ती हुए और कोरोना जांच कराने के बाद वो पॉजिटिव आये। डॉ. महक भंडारी ने बताया कि वो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और किडनी की बीमारी से ग्रसित थे। मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे उन्हें अचानक चेस्ट पेन हुआ और वो कार्डियेक अरेस्ट में चले गए। डॉक्टर ने उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की उसके बाद वो एक बार रिवाईव भी हुए पर उसके बाद वो अपना ब्लड प्रेशर नही मेंटेन कर पाए और उसके बाद उनका निधन हो गया।
छोटी खजरानी में किया जाएगा आज रात को सुपुर्दे खाक
राहत इंदौरी के बड़े बेटे फैज़ल राहत ने बताया कि बीते एक सप्ताह से उन्हें थोड़ी घबराहट महसूस हो रही थी, लेकिन कोविड का कोई लक्षण उन्हें नही था। उनके रेग्युलर डॉक्टर से हम सम्पर्क में थे डॉक्टर ने उन्हें एक दवाई दी थी लेकिन उससे वो बहुत ज्यादा सो रहे थे और फिर डॉक्टर ने उस दवाई को देने से मना कर दिया था। जैसे ही वो दवाई को हमने बंद किया तो राहत साहब को और घबराहट होने लगी। इसके बाद डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ईसीजी और चेस्ट का एक्सरे रविवार को सुबह कराया गया। अलग – अलग डॉक्टर्स के ओपिनियन के बाद उन्हें निमोनिया के लक्षण बताये गए। उन्हें हार्ट की परेशानी है और डायबिटीक भी है ऐसे में उन्हें सीएचएल हॉस्पिटल में राहत साहब का सीटी स्कैन कराया गया जिसमे भी निमोनिया की बात सामने आई। इसके बाद हमने इंदौर कलेक्टर से बात की तब रविवार शाम को उन्हें अरविंदो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। फैजल राहत के मुताबिक आज दोपहर ढाई बजे तक भी वो थोड़े ठीक थे, लेकिन 2 बजकर 45 के बीच उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया और डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखकर उन्हें बचाने की कोशिश की। मगर अफसोस कि राहत साहब हमारे बीच नही रहे। राहत इंदौरी के बेटे फैजल राहत ने ये भी बताया की कोरोना पॉजिटिव आने से पहले ही उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था और आज रात 9 बजकर 30 मिनिट पर राहत साहब को छोटी खजरानी स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे – ए -खाक किया जाएगा।