इंदौर बेलेश्वर मंदिर हादसा : अतिक्रमण के खिलाफ कमल नाथ की चेतावनी, की ये बड़ी घोषणा

Atul Saxena
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Indore Bawdi Accident : इंदौर के श्री बालेश्वर मंदिर में बनी बावड़ी के हादसे को लोग चाह का र भी भुला नहीं पा रहे हैं, रामनवमी के दिन प्रभु श्री राम की आराधना के लिए जुटे भक्तों को ये नहीं पता था कि आज की पूजा उनकी अंतिम पूजा होगी और वे हमेशा के लिए इस संसार से विदा हो जायेंगे। कुल 19 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 36 शव निकाले गए और मौत की बावड़ी को टीन लगाकत सील कर बंद कर दिया गया है। उधर अब अतिक्रमण को लेकर सवाल उठने लगे हैं, स्थानीय लोग मंदिर के आसपास सहित शहर में हुए अतिक्रमण को हटाने की मांग कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी अतिक्रमण मामले में जनता के साथ हैं।

अतिक्रमण के खिलाफ कमल नाथ ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी 

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी  इंदौर बेलेश्वर मंदिर बावड़ी हादसे मामले में मृतकों के परिजनों और घायलों से मिले, उन्होंने मंदिर के आसपास रहने वालों से भी बात की। मीडिया से बात करते हुए कमल नाथ ने कहा कि  अवैध निर्माण हटाने के लिए नोटिस तो थमा दिए गे एहेन लेकिन हम ये मांग करते हैं कि सात दिन में तोड़ दिया जाये, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम कोर्ट जायेंगे।

रैपिड रेस्क्यू फ़ोर्स बनाने की घोषणा 

उन्होंने कहा कि ये अवैध निर्माण का ही परिणाम है जो इंदौर को भुगतना पड़ा है, मैं घायलों से मिला उनके परिजनों ने बताया कि वे किस तरह जीवित निकले उनकी कहानी दर्दनाक है,  आपदा प्रबंधन की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कमल नाथ ने घोषणा की कि जब हमारी सरकार आयेगी तो हम रैपिड रेस्क्यू फ़ोर्स बनायेंगे जो हर जिले में तैनात रहेगी जिससे हादसा होने पर वो तत्काल मदद के लिए पहुँच सके।

सीएम शिवराज सिंह पर लगाये गंभीर आरोप 

उन्होंने कहा कि ये शर्म की बात है कि इंदौर स्मार्ट सिटी है और उसका ये हाल है, कमल नाथ ने आरोप लगाया कि पीड़ितों का कहना है कि सीएम शिवराज ने हमसे बात तक नहीं की, हमारी बात नहीं सुनी, उन्होंने कहा कि शिवराज जी सोचते हैं कि वे मीडिया के सामने आकर दो बातें कर लो,  मुआवजा दो और मामला ख़त्म।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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