Indore: MIC सदस्यों में विभागों को लेकर मची होड़, वायरल हुई सूची, महापौर लेंगे अंतिम निर्णय

Diksha Bhanupriy
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट: महापौर और एमआईसी सदस्यों को लेकर जो खींचतान हुई है उसके बाद सियासी विभाग में एमआईसी सदस्यों को दिए जाने वाले विभागों को लेकर हलचल तेज हो गई है। मलाईदार विभाग लेने के लिए सभी में होड़ मची हुई है। आखरी निर्णय महापौर पुष्यमित्र भार्गव का होगा और वही इसकी घोषणा करेंगे।

इसी बीच एमआईसी सदस्यों को दिए जाने वाले विभागों को लेकर एक लिस्ट सामने आई है। लिस्ट के सामने आने के बाद चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। इस लिस्ट में कुछ लोगों को मलाईदार विभाग तो कुछ लोगों को अन्य विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, यह फाइनल लिस्ट नहीं है महज एक अंदाजा है। बताया जा रहा है कि आज एमआईसी सदस्यों में विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा।

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सोशल मीडिया पर जो सूची आई है उसके मुताबिक राकेश जैन को सामान्य प्रशासन, राजेश उदावत को राजस्व, निरंजन सिंह चौहान को जल कार्य और सीवरेज, अभिषेक शर्मा को जन कार्य और उद्यान, राजेंद्र राठौर को स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जीतू यादव को विद्युत अभियांत्रिकी, नंदकिशोर पहाड़िया को यातायात और परिवहन, मनीष शर्मा को वित्त और लेखा विभाग, अश्विन शुक्ल को योजना और प्रौद्योगिकी तथा प्रिया डांगी को शहरी गरीबी उपशमन विभाग देने की बात कही गई है।

इस लिस्ट को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह सूची लगभग फाइनल है, इसमें मामूली फेरबदल हो सकता है। इंदौर लगातार पांच बार स्वच्छता में पंच लगा चुका है और अब छक्का मारने की तैयारी में है। ऐसे में किसी एमआईसी सदस्य को स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विभाग देना सही साबित होगा। राजेंद्र राठौर पांच बार पार्षद और दो बार एमआईसी सदस्य रह चुके हैं इसलिए उन्हें यह विभाग सौंपा जा सकता है।

IDA बोर्ड के संचालक मंडल में रहने की वजह से राजेश उदावत को हर तरह की योजना, प्रोजेक्ट के बजट का अच्छा अनुभव है जिसके चलते उन्हें राजस्व सौंपा जा सकता है। राजस्व विभाग के दूसरे दावेदार निरंजन सिंह चौहान भी है क्योंकि संगठन उन्हें कई सालों से समर्पण राशि का प्रभाव देता रहा है, हो सकता है कि उन्हें यह विभाग दे दिया जाए। इसके अलावा उन्हें जलकार्य और सीवरेज दिया जा सकता है क्योंकि उनकी पत्नी एमआईसी में रहते हुए यह विभाग संभाल चुकी हैं।

वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय विधायक रमेश मेंदोला से नंदकिशोर पहाड़िया काफी करीबी हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें यातायात और परिवहन विभाग या फिर वित्त विभाग सौंपा जा सकता है। मनीष शर्मा को वित्त और लेखा विभाग दिए जाने की चर्चा हो रही है हालांकि, एक गुट इसके पक्ष में नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग राकेश जैन और योजना एवं प्रौद्योगिकी अश्विन शुक्ल को दिए जाने की बात कही जा रही है। प्रिया डांगी नई पार्षद है इसलिए उन्हें शहरी गरीबी उपमिशन विभाग देना लगभग तय है।

बता दें कि एमआईसी सदस्यों के लिए 25 दावेदार सामने आए थे और काफी जद्दोजहद के बाद सदस्य निर्धारित हुए थे। उसी तरह से विभागों का बंटवारा भी काफी चुनौतीपूर्ण है। एमआईसी को 10 करोड़ तक के बजट पास करने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में चुनौती बढ़ गई है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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