इंदौर/आकाश धोलपुरे
कोरोना के महासंकट के दौर में निर्मित भय के वातावरण के चलते कई केमिस्ट अपनी दुकानें नही खोल रहे है जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। बता दें कि शहर में कोरोना पीड़ितों के अलावा आम मरीज भी है जिनको जरूरी दवाओं की आवश्यकता पड़ रही है जिन्हें वे रेगुलर उपयोग में लाते है। ऐसे में निजी मेडिकल संचालकों द्वारा दुकानें नहीं खोले जाने के कारण ऐसे मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है जिन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज सहित कई गम्भीर बीमारियां है।
शहर में आम मरीजों की परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है और अब अगर मेडिकल दुकानों के संचालकों द्वारा दुकानें नही खोली जाती है तो उनके लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जायेगी। कई शिकायतों के मिलने के बाद मंगलवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने दवाओं के सभी खेरची दुकानदारों से अपनी दुकानें अनिवार्य रूप से खोलने के लिए कहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 24 घण्टे में दुकानें नहीं खोली गई तो उनका लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने साफ किया है कि इस समय नागरिकों के हित में दुकानें खुली रखने की ज्यादा जरूरत है। जिला कलेक्टर ने इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश भी दिए है कि वो दवाओं के खेरची विक्रेताओं द्वारा दुकाने नही खोले जाने पर कार्रवाई करे। उम्मीद की जा रही है कि कलेक्टर के निर्देश और चेतावनी के बाद अब शहर में जगह जगह पर संचालित की जाने वाली दुकाने कल से खुली नजर आएगी ताकि आम लोगो को दवाइयां आसानी से मुहैया हो पाए और यदि ऐसा नही होता है तो मेडिकल संचालकों के लायसेंस निरस्त किये जायेंगे।