इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में एक बार फिर लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां टीम ने एक जनपद पंचायत के उपयंत्री को 4 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार है। आरोप है कि उपयंत्री ने फरियादी से प्लॉट का नक्शा पास कराने के एवज में 5 हजार की रिश्वत(Bribe) की मांग की थी और सौदा 4 हजार में तय हुआ था। इंदौर लोकायुक्त टीम ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
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दरअसल, प्रदेश में समय – समय पर तमाम लोकायुक्त कार्रवाईयां सामने आती है, जिसमे कई सरकारी नुमाइंदे ऐसी कारगुजारियां करते पकड़े जाते है, जो उन्हें ये बताने के लिए काफी होती है कि वो एक जिम्मेदार कुर्सी के गैरजिम्मेदार नुमाइंदे है। इंदौर में अब इसी फेहरिस्त में एक और सरकारी नुमाइंदे का नाम जुड़ चुका है।हम बात कर रहे है सोमवार शाम को इंदौर में हुई लोकायुक्त (Indore Lokayukta Team) कार्रवाई की, जिसमें एक भ्रष्ट अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ धरदबोचा है। लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए जनपद पंचायत इंदौर में पदस्थ उपयंत्री विजय परिहार को 4 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
हुआ युं कि साहब को नेनोद ग्राम पंचायत की अखंडदीप कालोनी में रहने वाले प्रदीप तिवारी के प्लॉट का नक्शा पास कराने के एवज में 5 हजार रुपये चाहिए थे हालांकि बाद खुद ही रिश्वतखोर साहब ने रिश्वत का मामला 4 हजार में सेटल करने का मन बना लिया। फरियादी प्रदीप तिवारी ने लोकायुक्त पुलिस इंदौर को शिकायत दर्ज कराई थी, कि जनपद पंचायत इंदौर में पदस्थ उपयंत्री विजय सिंह परिहार ने उनसे उनका प्लॉट का नक्शा पास कराने के एवज में 5 हजार की रिश्वत की मांग की और बाद में 4 हजार रुपये में सौदा तय हो गया।
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इधर, लोकायुक्त पुलिस ने पीड़ित की शिकायत की जांच की और रिकार्डिंग को आधार बनाकर सोमवार शाम को एक जाल बुना, जिसमे भ्रष्ट उपयंत्री विजय परिहार उलझ गया। सोमवार शाम को पीड़ित प्रदीप इंदौर के कालानी नगर चौराहे की एक होटल में आरोपी विजय को 4000 रुपये देने गया और उसने रुपये अपने बैग में रख लिए। वही इशारा मिलते ही लोकायुक्त की टीम ने उपयंत्री को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस ने उपयंत्री विजय परिहार के पास से रिश्वत के 4000 रुपये भी बरामद किये। लोकायुक्त DSP प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में अब जनपद पंचायत इंदौर में पदस्थ उपयंत्री विजय सिंह परिहार पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के बाद भ्रष्ट अधिकारी खुद का मुंह छिपाते नजर आया क्योंकि उसे पछतावा ये हो रहा था कि उसके साथ अचानक ऐसा कैसे हो गया।