इंदौर।आकाश धोलपुरे।
हायर स्टडीज और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये मध्यप्रदेश के हजारों स्टूडेंट्स राजस्थान के कोटा में रहकर पढ़ाई करते है। ऐसे में कोरोनाकाल और लॉक डाउन के बीच के बड़ी संख्या में प्रदेश के स्टूडेंट्स कोटा में फंसे थे। जहां पहले उत्तरप्रदेश सरकार ने तो बाद में मध्यप्रदेश सरकार ने कोटा में मौजूद स्टूडेंट्स की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली क्योंकि कोटा प्रशासन, स्टूडेंट्स और उनके परिजन भी घर वापसी चाह रहे थे। लोकसभा स्पीकर और कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिरला ने इस मामले को गम्भीरता से लिया जिसके बाद प्रदेश सरकारो, स्टूडेंट्स और परिजनों में समन्वय स्थापित कर आखिरकार छात्रों को घर पहुंचाने के प्रयास शुरू किये गए।
मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के आगर मालवा, उज्जैन, इंदौर और खंडवा निवासी स्टूडेंट्स को बुधवार रात को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है। दरअसल, प्रदेश में लाये जाने वाले स्टूडेंट्स को कोटा से वापस लाने के लिये 3 अलग – अलग रुट तय किये गए थे और मध्यप्रदेश सरकार ने मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प को कोटा से स्टूडेंट्स लाने के लिये अहम जिम्मेदारी सौंपी थी ।
इंदौर में तो सांसद शंकर लालवानी ने सोशल मीडिया के जरिये और व्यक्तिगत संपर्क के बाद पाया कि इंदौर के 22 स्टूडेंट कोटा में फंसे है। जिसके बाद केंद्र की गाइडलाइन और प्रदेश सरकार के निर्देशों के तहत सभी 22 स्टूडेंट्स को इंदौर लाया गया। देर रात 2 बजे स्टूडेंटस इंदौर पहुंचे और सभी ने प्रदेश सरकार का आभार जताया। इंदौर पहुंचने के बाद शहर के नेहरू स्टेडियम में सबसे पहले सभी स्टूडेंट्स की स्क्रीनिंग कराई गई और बाद में जिला प्रशासन ने सभी को घर पहुंचाया।
इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने एम. पी. ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि शहर के 22 स्टूडेंट्स आगर – मालवा होते हुए इंदौर पहुंचे है। उन्होंने जानकारी दी कि तय रुट के हिसाब से उज्जैन, आगर मालवा, इंदौर और खंडवा में बसों के जरिये स्टूडेंट्स को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया जा चुका है।
बता दे कि इंदौर – खंडवा रूट के तहत कुल 157 स्टूडेंट्स की घर वापसी कराई गई है और इसके पहले सभी स्टूडेंट्स की कोटा में पहली स्क्रिनिंग करवाई गई वही बाद में अलग – अलग तहसीलों में पहुंचने के बाद घर जाने के पहले स्टूडेंट्स की दोबारा स्क्रिनिंग भी कराई गई ताकि सभी को कोरोना के खतरे से बचाया जा सके। फिलहाल, स्टूडेंट्स अलग अलग रूट की बसों जरिये प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित अपने निवास तक पहुंच चुके है वही अब प्रशासन द्वारा हर क्षेत्र में एतियाहतन सभी स्टूडेंट्स की निगरानी अगले कुछ दिनों तक कि जाएगी और उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी जुटाई जायेगी। कोरोना संकटकाल के बीच इंदौर पहुंचे सभी 22 स्टूडेंट्स के चेहरों पर घर लौटने की खुशी साफ दिखाई दे रही थी।