Indore News : ईमानदारी की अनूठी मिसाल, गहनों से भरा बैग लौटाया

Amit Sengar
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Indore News : भारत के साफ सुथरे स्वच्छ शहर इंदौर ने फिर एक बार अपनी ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए तकरीबन ढाई लाख रुपए के जेवरात एक दंपति को लौटाए पुलिस ग्वालटोली ने अपनी काबलियत को एक बार फिर साबित करते हुए सात दिन की मशक्कत के बाद ऑटो रिक्शा में जल्दीबाजी से छूटे बैग को सही मालिक तक पहुँचाया।

यह है मामला

ग्वालटोली थाने के सूबेदार कमल किशोर ने बताया कि बेग छूटने की घटना 19 अगस्त की है एक महिला अपने ससुराल सेंधवा से मायके सागर जा रही थी उसी दौरान महिला सेंधवा गाड़ी से उतरकर सरवटे स्टेशन तक ऑटो से आई ओर जल्दीबाजी में अपना बैग ऑटो मव भूल गई काफी तलाशने पर ऑटो नही मिला बाद उसके महिला ग्वालटोली थाने पहुंची और पूरी घटना विस्तार से थाने पर बताइ ग्वालटोली थाने में महिला की फरियाद सुनने के बाद पुलिस ने ऑटो की तलाश शुरू की और सात दिनों की मेहनत के बाद बेग पूरे ज़ेवरों के साथ मिला।

जल्दीबाजी में किए गए कामो में अक्सर काम खराब होता है या फिर नुकसान उठाना पड़ता है जैसा इस दंपति के साथ हुआ लेकिन घटना की जनाकरी तुरन्त पुलिस को देना और पुलिस की मुस्तेदी से ऑटो चालक भी मिला और रिक्शे में छुटा बेग भी माल सहित मिल गया। बेग में तकरीबन दो लाख से अधिक की ज्वेलरी के साथ साथ दो अन्य बेग भी मिले जो कि दंपति को लौटाए गए।

Indore News : ईमानदारी की अनूठी मिसाल, गहनों से भरा बैग लौटाया

इस पूरे मामले में ऑटो चालक ओर छुटे बेग को लेकर कमल किशोर ने कहा कि ऑटो के पीछे लिखे स्लोगन से ऑटो की पहचान हुई और ऑटो मिल जाने के बाद जब चालक के घर पुलिस पहुँची तो ऑटो चालक के परिवार ने बताया कि चालक नशे का आदि है नशे के दौरन जब घर आया और गाड़ी में हमने समान देखा तो सुरक्षित समान को घर मे रख लिया और इंतज़ार किया असली मालिक का। कुल मिलाकर जल्दीबाजी में छुटे समान का सही और पूरा मिलना इस बात का सुबूत है कि ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा अभी बाकी है। जिसके चलते दंपति का सामान मिला। समान वापस मिलने पर पुलिस और ऑटो चालक का धन्यवाद दंपति ने अदा किया।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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