Indore News : खाते हैं कसम, अब नशा नहीं करेंगे हम, पुलिस ने आरोपियों को दिलाया संकल्प

Amit Sengar
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Indore News : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी में इंदौर में पुलिस अब अपराध खत्म करने के साथ-साथ नशे की लत से बचाने का सार्थक प्रयास भी कर रही है इसी क्रम में इंदौर के पलासिया कंट्रोल रूम पर शहर के चारों जोन के डीसीपी अपने-अपने थाना क्षेत्रों से नशा करने वालों लेकर पहुंचे। यहां एक शिविर के माध्यम से कांउसलिंग करते हुए सभी को नशा छुड़ाने के लिये संकल्प दिलाया गया। वहीं पुलिस द्वारा एक अलग पहला आयोजित की गई। जिसमें ड्रग्स कंज्यूमर को सरकारी रिहैब सेंटर में भर्ती कराकर उन्हें इस लत से निजात दिलाई जाएगी। 1000 से अधिक ड्रग्स कंज्यूमर रविवार सुबह पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे थे।

समाजिक न्याय व दिव्यांगजन डिपार्टमेंट के माध्यम से छुड़ाने के लिये दिलाया संकल्प

डीसीपी आदित्य मिश्रा के अनुसार, इंदौर में जितने भी ड्रग्स पेडलर है उनकी कमर तोड़ने के लिए अब ड्रग्स कंज्यूम करने वालों पर भी पुलिस की नजर बनी रहेगी। क्योंकि जितने भी ड्रग्स माफिया शहर में ड्रग्स लाकर बेचते हैं यदि कोई ड्रग्स खरीदने वाला नहीं होगा। तो इससे ड्रग्स पेडलर की कमर टूट जाएगी। शहर के कई थाना क्षेत्र से ऐसे भी ड्रग्स कंज्यूमर आए हैं जो कि इसके लत का शिकार हो चुके हैं और उनके परिवार खत्म हो चुके हैं जहां परिवार से बातचीत करके जो भी व्यक्ति ड्रग्स की लत को छोड़ना चाहता है उन्हें सरकारी रिहैब सेंटर में पुलिस सहायता द्वारा भर्ती कराया जाएगा और उनकी देखरेख भी की जाएगी। एक रिहैब सेंटर में 60 से 70 हजार रुपए लग जाते हैं जिसके बाद ड्रग्स की लत छुट्टी है और ड्रग्स की आदत में ड्रग्स लेने वाला पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है और अब उनके पास इतना रुपया नहीं है कि वह अब उन्हें रिहैब सेंटर में भर्ती कर सके।

नशा छोड़ने का संकल्प लेकर पहुंचे लोग

बता दें कि रविवार को जितने भी ड्रग्स पीने वाले और ड्रग्स एडिट पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे थे उन्होंने लगभग 400 की संख्या में ऐसे ड्रग्स पेडलर को बताया है जो कि पहले व्यक्ति को कम कीमत में ड्रग्स देते हैं और जब उसे लत लग जाती तो उसे इस ड्रग्स के धंधे में उतार लेते हैं पुलिस द्वारा अलग-अलग टीम में गठित कर ड्रग्स पेडलर के ऊपर जल्द शहर में कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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