MP News : मध्य प्रदेश के इंदौर पुलिस ने सफलता हासिल करते हुए शिवपुरी की रहने वाली काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित यादव को गिरफ्तार कर लिया है, जहां से उन दोनों को कोटा ले जाया गया है। बता दें कि छात्रा ने रूस में एमबीबीएस करने के लिए अपने अपहरण की साजिश रची थी। वहीं, राजस्थान और मप्र पुलिस लगभग 15 दिनों से उसकी तलाश में जुटी हुई थी। आखिरकार दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। आइए जानते हैं विस्तार से पूरा मामला…
घरवालों को दी गलत जानकारी
दरअसल, 21 वर्षीय काव्या अपने घर पर यह गलत जानकारी दे रही थी कि वह कोटा में रहकर पढ़ाई कर रही है जबकि वह इंदौर में अपने दोस्त हर्षित यादव के साथ रह रही थी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 18 मार्च को छात्र के अपहरण का मामला सामने आया था। जिसके बाद शिकायत दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू कर दी गई थी। इस दौरान लड़की के मोबाइल नंबर को ट्रेस करने पर उसका लोकेशन इंदौर मिला। इसके बाद कोटा पुलिस ने इंदौर पुलिस की मदद से टीम का गठन कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, छात्रा ने पूछताछ के दौरान अपने अपहरण का मामला झूठा बताया है।
30 लाख की मांगी फिरौती
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, युवती ने खुलासा करते हुए बताया कि मामला 16 मार्च का है, जब साजिश के तहत हर्षित और उसका एक दोस्त विजेंद्र प्रताप काव्या के साथ जयपुर पहुंचे, जहां वह 2 दिन रुके थे। इस दौरान काव्या ने नई सिम खरीदी और फिर अपने दोस्तों से पिता को फोन करवा कर अपने अपहरण की जानकारी दी। वहीं, दोस्तों ने उसके पिता से 30 लाख रुपए की फिरौती भी मांगी। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने युवती के हाथ पैर बांधे और चोट लगी हुई फोटो भी भेजी, लेकिन जैसे ही काव्य को इस बात की जानकारी हुई कि उसके पिता एसपी इंदौर को इसकी सूचना देने जा रहे हैं, तो वह अपने दोस्तों के साथ वापस इंदौर चली आई।
आगे की कार्रवाई जारी
वहां से फिर काव्या हर्षित के साथ 19 मार्च को चंडीगढ़ गई। फिर वहां से अमृतसर जाकर 28 मार्च को वापस इंदौर लौट आई। वहीं, युवती ने यह भी खुलासा किया है कि उसे यह पता था कि हाल ही में उसके पिता ने प्लॉट बेचा है। इसलिए उसने पैसों के खातिर अपने अपहरण की साजिश रची। क्योंकि वह रूस जाकर एमबीबीएस की डिग्री पाना चाहती थी, लेकिन उसका षड्यंत्र पूरा नहीं हो सका और पुलिस ने फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।