इंदौर, आकाश धोलपुरे। मिलावटखोरी के एक बड़े मामले का खुलासा गुरुवार को इंदौर पुलिस (Indore Police) ने किया है। पूरा मामला इंदौर (Indore News) की महू तहसील के किशनगंज थाना क्षेत्र का है जहां पुलिस द्वारा पेट्रोल – डीजल में मिलावटी केमिकल पदार्थ होने की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम देकर 5 टैंकर जब्त कर पेट्रोल पंप मैनेजर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि पम्प मालिक समेत दो लोग फरार हैं।
मिलावटखोरों पर कार्रवाई की कड़ी में पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel) में अन्य केमिकल मिलाकर करोड़ों रुपए की राजस्व चोरी मामले में इंदौर की ग्रामीण पुलिस द्वारा बड़ी कार्यवाही कर 5 टैंकर जब्त कर बड़ी मात्रा में केमिकल भी जब्त किया है।
दरअसल, इंदौर के ग्रामीण थाना क्षेत्र में मुखबिर की सूचना के आधार पर एडिशनल एसपी पुनीत गहलोत द्वारा टीम गठित कर किशनगंज थाना क्षेत्र में स्थित एम.पी.मुंबई ऑटो पेट्रोल – डीजल पंप, महू रोड पर दबिश देकर अनलोड होते हुए टैंकर को पकड़ा गया। वही मौके पर मौजूद ड्रायवर सुरेश से जब पूछताछ की गई तो उसने मिलावट खोरी के पूरे मामले का खुलासा कर दिया। जिसके बाद अन्य विभागों को भी पुलिस ने सूचित कर मौके पर बुलाया गया और सैंपल लेकर जांच शुरू की।
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एसपी पश्चिम महेशचंद्र जैन ने बताया कि जांच के बाद शिवम इंडस्ट्रीज पीथमपुर पर दबिश के दौरान मैनेजर चंद्र प्रकाश पांडे को गिरफ्तार किया गया और उससे पूछताछ पर अन्य टैंकरों के बारे में पता चला जिनमें से कुल 5 टैंकरों को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया है।
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वहीं पेट्रोल – डीजल मिलावटखोरी को लेकर पुलिस द्वारा अभी तक सुरेश कुशवाहा व मैनजर चंद्र प्रकाश पांडे को गिरफ्तार किया गया है तो वही मालिक विजय कुमार मूंदड़ा व राकेश अग्रवाल फरार चल रहे हैं। जिनकी तलाश में पुलिस अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर तलाश कर रही है।
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बताया ये भी जा रहा है कि पेट्रोल में फ्लैश फाइल तो डीजल में रबड़ प्रोसेस केमिकल मिलाया जाता था। दोनों ही केमिकल की दुर्गंध नहीं आती है ऐसे में ग्राहकों को किसी भी तरह का कोई अंदेशा नहीं होता था। वही पुलिस जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि मिलावटखोरी का खेल केवल भारत पेट्रोलियम के पंपों पर ही चलता है क्योंकि वहां पर किसी भी तरह की कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मशीनरी का उपयोग नहीं होता है लिहाजा, ऐसे पंप पर पेट्रोल से जुड़े उपकरण आसानी से खुल जाते थे और मिलावटखोरी के टैंकर वहां खाली कराए जाते थे जिससे करोड़ों रुपए की राजस्व की चपत सरकार को लगाई जा रही थी। फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस की तफ्तीश जारी है और आगे कई बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है।