Indore News: बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस ने दो महिला समते तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

रियादी द्वारा पुलिस को शिकायत दर्ज कराई गई थी कि दो महिलाएं एवं एक युवक उसे बलात्कार जैसे आरोप में फसाने की धमकी दे रहे हैं। महिला एवं पुरुष आरोपी द्वारा 10 हजार रूपए अकाउंट से एवं नगद रुपए भी ले लिए गए हैं।

Shashank Baranwal
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Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। दरअसल, गिरोह द्वारा पुरूषों को अपने जाल में फंसाकर बलात्कार जैसे झूठे आरोप में फंसाने का काम किया जा रहा था। इस दौरान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 2 महिला शामिल हैं।

फरियादी ने की थी शिकायत

इंदौर की कनाडिया थाने की पुलिस द्वारा आरोपी नूर उर्फ भैय्या निवासी खजराना के साथ उसके दो अन्य महिला साथी को भी ब्लैकमेलिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। फरियादी द्वारा पुलिस को शिकायत दर्ज कराई गई थी कि दो महिलाएं एवं एक युवक उसे बलात्कार जैसे आरोप में फसाने की धमकी दे रहे हैं। महिला एवं पुरुष आरोपी द्वारा 10 हजार रूपए अकाउंट से एवं नगद रुपए भी ले लिए गए हैं। फरियादी ने आगे बताया कि एक युवती द्वारा उसे सूनसान जगह पर मिलने के लिए बुलाया गया और जब वह मिलने पहुंचा तो एक महिला एवं एक अन्य युवक वहां आ गए और उसे धमकाने लगे। लगातार धमकी और रुपए लेने के बाद भी जब आरोपियों की ब्लैकमेलिंग नहीं रुकी तो फरियादी ने पुलिस से शिकायत की। वहीं पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता पूर्वक जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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