Indore News: युवा कांग्रेस ने उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का किया विरोध, अतिरक्त संचालक को सौंपा ज्ञापन

युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष स्वप्निल कांबले, प्रदेश महासचिव सरफराज अंसारी, नितिन कुशवाहा, शहर उपाध्यक्ष और समाज सेवी शादाब पटेल के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया है।

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Indore News: उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए आदेश के विरोध में आज यानी सोमवार को युवा कांग्रेस के सदस्यों ने अतरिक्त संचालक सुधा सिलावट को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सदस्यों ने मांग की है कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए। अगर ऐसाल नहीं होता है तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा। दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी कर कहा गया था कि छात्र-छात्राओं को काउंसिलिंग के समय में हीं एकमुश्त फीस जमा करना होगा।

एकमुश्त फीस जमा करने का आदेश

इंदौर शहर युवा कांग्रेस ने अतिरिक्त शिक्षा संचालक को दिए जाने वाले ज्ञापन के संबंध में अवगत कराया और फिर लिखित ज्ञापन दिया। वहीं, मीडिया से बात करते हुए ज्ञापन देने पहुँचे युवा कांग्रेस के सदस्यों ने बताया कि पहले फीस किश्तों में जमा की जाती थी, जिससे गरीब और मध्यमवर्ग के छात्र भरने में सक्षम थे, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने एकमुश्त फीस जमा करने का आदेश पारित कर दिया है, जिसे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों द्वारा भरना संभव नहीं है।

मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को होगी परेशानी

युवा कांग्रेस के पदाधिकारी सरफराज अंसारी ने बताया कि कुछ दिन पहले उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें छात्र-छात्राओं को प्रथम काउंसलिंग में ही पूरी फीस जमा करने को कहा गया है। इस आदेश से मध्यमवर्गीय परिवार के लिए अपने बच्चो को शिक्षा देने में परेशानी का सामना करना होगा।

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7 दिन में आदेश वापस लेने की मांग

इसी मामले में युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष स्वप्निल कांबले, प्रदेश महासचिव सरफराज अंसारी, नितिन कुशवाहा, शहर उपाध्यक्ष और समाज सेवी शादाब पटेल के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया है। इस दौरान इस आदेश को शिक्षा विरोधी आदेश बताते हुए 7 दिन में वापस लेने की मांग की गई है। वहीं, अगर आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो उग्र आंदोलन की की चेतवानी भी दी गई है, जिस पर अतिरिक्त संचालक महोदया ने ACS एवं कमिश्नर उच्च शिक्षा से वर्तलाप करते हुए आदेश में बदलाव का आश्वासन दिया है।

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इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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