Indore News: छात्रा की संदिग्ध अवस्था में मौत की जांच जारी, पुलिस ने दी यह जानकारी

एडिशनल डीसीपी का कहना है कि जिस कॉलेज में छात्रा पढ़ती थी वहां भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही मल्टी में तैनात चौकीदार और वहां मौजूद अन्य लोगों से भी पुलिस जानकारी जुटाने में लगी हुई है।

Shashank Baranwal
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Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में गुरुवार को पिनेकल ड्रीम्स मल्टी के 16 माले से गिरकर 22 साल की छात्रा कि संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों बिंदुओं पर जांच कर रही है। छात्रा की मौत को लेकर दूसरे दिन एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने जांच को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया।

पुलिस की जांच जारी

निर्माणाधीन बिल्डिंग से गिरकर हुई छात्रा की संदिग्ध अवस्था मे मौत के मामले में लसूड़िया थाने की पुलिस अब बारीकी से पड़ताल कर रही है। इस मामले की जानकारी देते हुए राजेश दंडोतिया ने बताया कि घटना स्थल से तकरीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर छात्रा का हॉस्टल है, जहां वह रहती थी और रैपीडो बुक कर छात्रा घटना स्थल तक पहुंची थी। हॉस्टल से लेकर घटना स्थल तक के सीसीटीवी कैमरे पुलिस देख रही है। इसके अलावा एडिशनल डीसीपी का कहना है कि जिस कॉलेज में छात्रा पढ़ती थी वहां भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही मल्टी में तैनात चौकीदार और वहां मौजूद अन्य लोगों से भी पुलिस जानकारी जुटाने में लगी हुई है। पुलिस के अनुसार घटनाक्रम में एविडेंस और लोगों के बयान के बाद ही सच्चाई निकलकर सामने आएगी कि आखिर छात्रा की मौत किन कारणों से हुई है। आपको बता दें 22 वर्षीय मुस्कान अग्रवाल मूलत: बड़वानी की रहने वाली थी। वह इंदौर के प्रेस्टीज कॉलेज से बीबीए की थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही थी।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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