बिजली चोरी केस से बचाने जूनियर इंजीनियर और दो अन्य कर्मचारियों ने ली रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया

लोकायुक्त पुलिस ने जूनियर इंजीनियर अनिल वास्केल, कम्प्यूटर ऑपरेटर (आउटसोर्स कर्मचारी) गणेश इस्के और मीटर रीडर वासुदेव पाटीदार तीनों को आरोपी बनाया है

मध्य प्रदेश में रिश्वतखोर अफसरों और कर्मचारियों की आदत नहीं बदल रही घूसखोरी पर लगातार कड़े एक्शन के बाद भी वे रिश्वत लेने से हिचकिचा नहीं रहे, ऐसे ही तीन भ्रष्ट शासकीय सेवकों को इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है, तीनों बिजली कंपनी के कर्मचारी हैं।

लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय इंदौर के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक धार जिले की मनावर तहसील के गाँव देवगढ़ में रहने वाले अनिल पाटीदार नामक व्यक्ति ने एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उन्होंने बिजली कंपनी के कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।

आवेदन ने अनिल पाटीदार ने बताया कि 18 मई को घर पर फाल्ट होने से बिजली चली गई थी जिसकी सूचना देने के लिए उसने बिजली कंपनी के सिंघाना ऑफिस फोन लगाया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। गर्मी से परेशान होने के कारण उसने अलग से एक केबल डालकर अपने घर की बिजली चालू कर ली थी।

चालान की राशि कम करने मांगी रिश्वत  

अगले दिन 19 मई को सिंघाना कार्यालय में पदस्थ जेई अनिल वास्केल एवं उनकी टीम उसके घर आई  तथा मौके पर बिजली चोरी का 60000 रुपये का चालान बनाया। अनिल 21 मई को मीटर रीडर वासुदेव से मिला और चालान की राशि कम कराने की रिक्वेस्ट तो उसके द्वारा चालानी कार्यवाही नहीं करने के लिये जेई अनिल वास्केल से बात कर आवेदक को चालानी कार्यवाही से बचाने के एवज में 40,000/- रुपये रिश्वत की मांग की।

30000 रुपये की रिश्वत  लेते गिरफ्तार  

रिश्वत मांगे जाने की शिकायत अनिल पाटीदार ने लोकायुक्त एसपी इंदौर कार्यालय में की। लोकायुक्त पुलिस ने  शिकायत का सत्यापन कराया,  शिकायत सही पाये जाने पर आज 26 मई 2025 को ट्रेपदल का गठन किया गया और आरोपी अनिल वास्केल के कहने पर आरोपी गणेश इस्के को आवेदक से 30,000/- रिश्वत राशि लेते हुये रंगे हाथों पकड़ लिया।

तीनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज 

लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में जूनियर इंजीनियर अनिल वास्केल, कम्प्यूटर ऑपरेटर, (आउटसोर्स कर्मचारी) गणेश इस्के और मीटर रीडर वासुदेव पाटीदार तीनों को आरोपी बनाया है और उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं धारा बीएनएस 61 (2) के अंतर्गत मामल दर्ज कर जाँच में ले लिया है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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